मामला कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के पूरे बेंचू खां कस्बा से जुड़ा है। जहां के रहने वाले अब्दुल रहमान खां ने 22 अपैल 2003 की घटना बताते हुए पशु बाजार लगाने को लेकर हुए विवाद की बात कहकर पूर्व सांसद ताहिर खां, उनके भाई आमिर खां उर्फ सब्बन, पिता इरफान गनी खां सहआरोपी सगे भाई अब्दुल कादिर, साबिर उर्फ सुड्डू, जाबिर उर्फ मुन्नू एवं चार-पांच अन्य के खिलाफ हथियारों से लैश होकर गाली-गलौज करने, जान से मारने की धमकी देने एवं जबरन रवन्ना काटकर व्यापारियों से रूपये छीन लेने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की। पांच मार्च 2009 को सभी आरोपियों के खिलाफ तत्कालीन सीजेएम उमेश प्रकाश के कार्यकाल में आरोप तय हुआ।
बाद में यह मामला स्पेशल जज एमपी-एमएलए की अदालत में चला। मामले में दोनों पक्षों के बीच हुए सुलह-समझौते के आधार पर हाईकोर्ट में मुकदमें की कार्यवाही को खत्म किये जाने सम्बंधी याचिका पूर्व सांसद पक्ष की तरफ से दाखिल की गई थी। जिस पर सुनवाई के पश्चात हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए पूर्व सांसद समेत अन्य के खिलाफ चल रहे केस की कार्यवाही को खत्म करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर आदेश की प्रति के साथ पूर्व सांसद के पिता इरफान गनी खां ने स्पेशल जज एमपी-एमएलए की अदालत में केस में उचित कार्यवाही करने की मांग की। स्पेशल जज प्रशांत मिश्र ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में केस की कार्यवाही को समाप्त करने का आदेश दिया।