कोर्ट ने दिया आदेश खबरों के मुताबिक जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह को अपदस्थ करने के लिए पूर्व ब्लॉक प्रमुख धनपतगंज तथा जिला पंचायत सदस्य यशभद्र सिंह मोनू के अलावा उनके अपने समर्थक भी भीतर भीतर लगे रहे। काफी दिनों से अंदर ही अंदर चल रहे खेल का खुलासा उस समय हुआ जब यशभद्र सिंह मोनू के साथ भाजपा समर्थित सदस्यों सहित 28 सदस्यों ने तत्कालीन डीएम संगीता सिंह के सामने पेश होकर शपथ पत्र दिया था। जिस पर डीएम ने शपथ पत्रो की जांच कराकर शक्ति परीक्षण कराने की बात कही थी। इसी बीच शपथ पत्र देने वाले 28 सदस्यों में से 6 सदस्यों ने डीएम के सामने पेश होकर अपने शपथ पत्र को झूठा करार दिया और यह कहा कि पहले दिए शपथ पत्र पर हम लोगों के हस्ताक्षर नहीं है। हम सब अध्यक्ष के साथ हैं। इतना होने के बाद एक जिला पंचायत सदस्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर शक्ति परीक्षण कराए जाने का यह अनुरोध किया। उच्च न्यायालय ने डीएम को यह आदेश दिया कि असन्तुष्ट सदस्यों के अनुरोध के क्रम में शक्ति परीक्षण कराए, लेकिन किसी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि मत पड़ने के बाद उसकी मतगणना नहीं की जाए। मतगणना 25 अप्रैल को न्यायालय के सामने होगी।