सुलतानपुर लोकसभा सीट- भाजपा के सामने गठबंधन की चुनौती, 2019 में ऐसे बन रहे सियासी समीकरण
क्यों वरुण गांधी के विकल्प को तलाश रही भाजपा?बीते दिनों जिले के दौरे पर आये भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ल से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वरुण गांधी सुलतानपुर सीट छोड़ रहे हैं? इस पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि प्रत्याशी स्थानीय हो सकता है। हालांकि, उन्होंने तौर पर तो कुछ भी नहीं कहा, लेकिन इशारों में बहुत कुछ कह गये। वहीं, बीते दिनों जौनपुर पहुंचे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी सुलतानपुर में स्थानीय प्रत्याशी उतारने का संकेत दे चुके हैं। जिले के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वैसे तो वरुण गांधी ही सुलतानपुर से भाजपा के प्रत्याशी होंगे, लेकिन अगर वह कांग्रेस में शामिल होते हैं, जैसी कि अटकलें लगाई जा रही है तो उनके स्थान पर किसी मजबूत प्रत्याशी को खड़ा किया जा सकेगा।
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सांसद वरुण गांधी ने सुलतानपुर संसदीय सीट पर बड़ी जीत दर्ज करते हुए 14 वर्षों बाद यहां कमल खिलाया था। इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी पवन पांडेय दूसरे और सपा प्रत्याशी शकील अहमद तीसरे नंबर पर रहे थे। इस बार सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद सुलतानपुर की सीट बसपा के खाते में गई है। 2019 में यहां भाजपा का मुकाबला सपा-बसपा गठबंधन से होने की उम्मीद है।