अपने उद्देश्य में कामयाब न होने पर उसका शोषण भी करना शुरू कर दिया था और उसे अपना शिकार बनाने के लिए मौके की तलाश करते रहा। अपने इसी प्रयास में रसिक इन्सपेक्टर मौका पाकर महिला सिपाही के साथ छेड़खानी करने लगा। महिला सिपाही ने इन्सपेक्टर की इस हरकत पर नाराजगी जताई और इसकी शिकायत एसपी सहित उच्चाधिकारियों से की। इसी बीच प्रभारी निरीक्षक विष्णु कुमार का तबादला जिले में हो गया और वहां इनके खिलाफ महिला सिपाही द्वारा की गयी शिकायतों की जांच एसपी ने करवाना शुरू किया।
बताया तो यह भी जा रहा है कि महिला सिपाही की शिकायतें एसपी द्वारा करायी जा रही जांच में प्रथम दृश्यता ही सही पायी गयी थी । लेकिन इन्सपेक्टर के दबाव में दबी रही । इसी बीच जब इन्सपेक्टर का तबादला बांदा जिले से गैर जनपद हो गया तो इनके खिलाफ जांच में तेजी आयी। तकरीबन चौदह महीने बाद एसपी ने इन्सपेक्टर के खिलाफ महिला सिपाही के आरोपों को सही पाते हुए प्रभारी निरीक्षक के खिलाफ छेड़खानी का मुकदमा दर्ज करवा दिया। अब जबकि प्रभारी निरीक्षक के खिलाफ बांदा जिले में छेड़खानी का मुकदमा दर्ज हो गया है। ऐसे में इन्सपेक्टर के खिलाफ निलम्बन की तलवार सिर पर लटक रही है। इस सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक सूर्यकान्त त्रिपाठी ने बताया कि मामले की पूरी जानकारी नहीं है। पूरी जानकारी मिलने पर आरोपी इन्सपेक्टर के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।