इन
traffic rules को अपनाएं, अनमोल जीवन को बचाएं अपनों पर रहम-गैरों पर सितम!शहर में गाड़ियां पार्क करने के स्थान न होने की वजह से भी ऐसी दिक्क़तें सामने आ रही हैं। फिलहाल, प्रशासन का यह नियम अपने या अपने करीबियों पर नहीं चलता है, क्योंकि इन सबकी गाड़ियां भी अधिकतर ऐसे ही खड़ी पाई जाती है, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं होती, ज्यादा से ज्यादा चालक को अन्य जगह गाड़ी लगाने के लिए कह दिया जाता है। अलग-अलग पैमाने पर कार्य करने की वजह से ही अभियान भी सफल नही हो रहा।
क्षेत्राधिकारी नगर श्यामदेव विंद ने बताया कि करीब तीन महीने से चस्पा चालान का अभियान (Road Safety Week) चलाया जा रहा है। एक सप्ताह के भीतर संपर्क न करने वाले वाहन स्वामियों के पते के विषय में जानकारी करने के लिए उनके नामों की सूची एआरटीओ आफिस भेजी जाती है। जहां से नाम-पता कन्फर्म हो जाने के बाद वाहन स्वामियों को पुन:उनके पते पर नोटिस भेजकर बुलाया जाता है। इसके बाद भी न आने पर न्यायालय के समक्ष कागजात भेजा जायेगा। कई महीनों से चल रहे इस अभियान के संबंध में अब तक एक भी चालान कोर्ट नहीं पहुंच सका है। जिसके विषय में उन्होंने प्रक्रिया लंबी होने की बात कहते हुए सफाई पेश की।