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सुल्तानपुर

टमाटर की खेती कर कमा रहा लाखों, सभी के लिए बना रोल मॉडल

– मल्चिंग विधि से टमाटर की खेती से आय हुई दोगुनी, पूरी तरह से है ऑर्गेनिक

सुल्तानपुरSep 09, 2020 / 03:05 pm

Abhishek Gupta

Mulching farming

Mulching farming

सुल्तानपुर. खेती-किसानी (Farming) में नित नए प्रयोग हो रहे हैं। किसान अपनी आय बढ़ाने (Farmers income) के लिए वैज्ञानिक विधि (Scientific method farming) को अपना रहे हैं। जहां रसायनिक खेती (Chemical based farming) के उत्पाद सेहत के लिए हानिकारक साबित हो रहे हैं, जिससे लोगों का मोह धीमे-धीमे कम होता जा रह है, तो वहीं आर्गेनिक उत्पाद की डिमांड बढ़ रही है। यह सेहत के लिए लाभकारी तो है ही, किसान इस विधि को अपना कर अपनी आय दोगुनी कर रहे हैं। इसी कड़ी में जिले के मोतिगरपुर ब्लॉक के रायपुर गांव निवासी किसान रामतीर्थ वर्मा मल्चिंग विधि से टमाटर की खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। रामतीर्थ वर्मा ने बिना किसी तरह के रासायनिक उर्वरकों को डाले ही टमाटर की खेती करने का बीड़ा उठाया है। और आज अपने व अन्य जिलों के किसानों के लिए रोल मॉडल हैं। कृषि वैज्ञानिक सूर्यप्रकाश मिश्र इस तरह की खेती को उम्दा मानते हैं और कहते हैं कि इस तरह तैयार टमाटर खाने से स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। यह जन स्वास्थ्य के लिए हितकर है।
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राम तीर्थ वर्मा इस वर्ष मल्चिंग विधि का प्रयोग करते हुए टमाटर की फसल (खेती) कर दूसरे किसानों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं। रामतीर्थ कम लागत में रोग रहित खेती को देखने के लिए जिले ही नहीं बल्कि इससे बाहर के किसान भी आते हैं। राम तीर्थ वर्मा पिछले 20 साल से सब्जी की खेती करते चले आ रहे हैं। परंपरागत ढंग से सब्जी की खेती करने से इन्हें लागत निकालना भी मुश्किल पड़ जाता था। लेकिन एक साल पहले वह सीमैप और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक सूर्य प्रकाश मिश्र से मिले जिसके बाद वह इस वर्ष करीब 4 बीघे टमाटर के पौधे लगा रहे हैं। अधिक पैदावार के लिए उन्होंने लखनऊ से संबंधित सामग्री खाद एवं पौध मंगवाए हैं। रामतीर्थ का कहना है कि इससे पौध रोग रहित होते हैं। वहीं फसल की पतंगों से भी सुरक्षा मिलती है। इस विधि के प्रयोग से पौधे के आसपास खरपतवार नहीं होता है। जिससे रोग लगने की संभावना भी नहीं होती है।
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ऐसे होती है मल्चिंग खेती-

वह बताते हैं कि मल्चिंग विधि में रोपाई कर पौधे को पारदर्शी पॉलिथीन से ढका जाता है। इस विशेष पॉलिथीन से फसल को प्रकाश संश्लेषण का पूरा लाभ मिलता है। कृषि वैज्ञानिक सूर्य प्रकाश मिश्र ने बताया कि धूप, हवा व पानी से पौधे को पोषक तत्व बढ़कर मिलता रहता है, जिससे उत्पादन बढ़ता है। वह कहते हैं कि पौध लगने के बाद रोजाना इनकी देखभाल करने के जरूरत पड़ती है। लगने दो महीनों बाद इनकी पैदावार हो जाती है।
लाखों का होता है मुनाफा-

रामतीर्थ इन्हें इलाहाबाद, आगरा व कानपुर मंडी में इसे बेचते हैं। और लाखों का मुनाफा कमाते हैं। केवीके के कृषि विशेषज्ञ सूर्य प्रकाश मिश्र कहते हैं कि मल्चिंग विधि के लिए खेती-किसानी खास लाभकारी है। इस तरह की खेती करके और मल्चिंग विधि का उपयोग कर किसान दवाओं का खर्च बचा सकते हैं और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सब्जी पैदा कर सकते हैं।

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