जिन नेताओं की फ़ाइल हाइकोर्ट भेजी गई है, उनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, लम्भुआ से भाजपा विधायक देवमणि दूबे, सदर से बीजेपी विधायक सीताराम वर्मा, गौरीगंज सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह, पूर्व सांसद ताहिर खां, पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू, अनूप संडा, संतोष पांडेय, पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, पूर्व मंत्री जंग बहादुर सिंह के नाम शामिल हैं। पूर्व सांसद ताहिर खां, पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू, मौजूदा सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह के 3-3, सीएम केजरीवाल के 2 केस की पत्रावलियां हैं।
केंद्र सरकार की पहल के बाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में एमपी/एमएलए कोर्ट खोली गई है। इस कोर्ट में उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में वर्तमान और भूतपूर्व सांसदों व विधायकों के मुकदमों की सुनवाई शुरू हो चुकी है। इलाहाबाद के पूर्व सांसद अतीक अहमद, उनके भाई पूर्व विधायक अशरफ, जेल में बंद मुख्तार अंसारी, पूर्व सांसद रमाकांत यादव, पूर्व विधायक उदयभान करवरिया के मुकदमों की सुनवाई चल रही है। पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले योगी सरकार के एक मंत्री भी पिछले दिनों इस कोर्ट में कटघरे के अंदर खड़े कराए गए थे। कोर्ट की सख्ती से बड़े-बड़े नेताओं की बोलती बंद है। कोर्ट कई नेताओं को कटघरे के अंदर खड़ा न होने पर फटकार लगा चुकी है।