पुलिस हिरासत में मृत जूनियर इंजीनियर का शव एनएच पर रखकर प्रदर्शन, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग
Custodial death: परिजनों ने पुलिस पर लगाया हत्या (Murder) का आरोप, पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी (Videography) और फोटोग्राफी की मांग को भी पुलिस ने ठुकराया, एसडीएम (SDM) ने दिया जांच का आश्वासन
बिश्रामपुर. लटोरी पुलिस की हिरासत में (Custodial death) विद्युत विभाग में पदस्थ हत्या (Murder) के आरोपी जूनियर इंजीनियर की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। बिश्रामपुर अस्पताल में पीएम के बाद जब परिजनों को उसका शव सौंपा गया तो वे एनएच-43 पर शव लेकर बैठ गए।
उन्होंने पुलिस पर कस्टडी में हत्या (Murder in police custody) का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच पश्चात दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस दौरान डेढ़ घंटे तक सडक़ पर आवागमन प्रभावित रहा। अंत में एसडीएम ने जांच तथा मुआवजा की व्यवस्था करने का आश्वासन देकर शव को भिजवाने की व्यवस्था की गई। इसके बावजूद परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे।
गौरतलब है कि लटोरी चौकी अंतर्गत करवां विद्युत सब-स्टेशन में पदस्थ बालोद निवासी जूनियर इंजीनियर पूनम कतलम को पुलिस ने ग्राम गजाधरपुर निवासी हरिशचंद्र नामक युवक की हत्या के मामले में हिरासत में लिया था। इसके बाद लटोरी अस्पताल में मंगलवार की अलसुबह उसकी मौत हो गई थी।
इस मामले में मृतक के भाई दीपक कतलम व चाचा खुलास राम नेताम ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाया है। वहीं जूनियर इंजीनियर (Junior engineer) का शव देर शाम पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विश्रामपुर लाया गया। यहां परिजनों ने पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी करने की मांग लगातार की लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी।
इससे नाराज परिजनों एवं जनप्रतिनिधियों ने बिश्रामपुर स्थित मेन रोड बस स्टैंड एनएच 43 पर शव को रखकर डेढ़ घंटे तक जोरदार आंदोलन (Protest) किया। परिजन ने बताया कि मृतक के चेहरे, गाल, पीठ पर चोट के कई निशान हैं। इधर हत्या के मामले में लटोरी पुलिस ने सब स्टेशन में ही पदस्थ विजय विश्वकर्मा, ग्राम चेंद्रा निवासी संजय विश्वकर्मा 22 वर्ष व अंबिकापुर निवासी संजय दुबे को गिरफ्तार कर लिया है।
ये थी मांगें शव रखकर आंदोलन में शामिल जनप्रतिनिधियों व लोगों ने यह मांग की कि सक्षम अधिकारी द्वारा मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने तत्काल लटोरी चौकी प्रभारी सुनील सिंह को निलंबित करने तथा मृतक के परिजनों को 2 लाख की अनुग्रह राशि तत्काल देने, अनुकंपा नियुक्ति एवं परिवार के एक अन्य सदस्य को भी शासकीय नौकरी प्रदान करने तथा दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या की धारा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की।
एसडीएम, एएसपी ने दिया आश्वासन मामले की गंभीरता को देखते हुए सूरजपुर एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा, एडिशनल एसपी हरीश राठौर, जयनगर थाना प्रभारी दीपक पासवान सहित पुलिस के अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा आंदोलनकारियों सहित परिजनों को समझाने का प्रयास किया। समझाइश के बाद भी आंदोलन चलता रहा।
इस दौरान एसडीएम ने आश्वासन दिया कि आप स्वयं तय करें जांच समिति में किसे रखना है, उसी आधार पर लोगों को चयनित कर रखा जाएगा और निष्पक्ष जांच करते हुए दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं सरकारी अनुग्रह राशि तत्काल उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जा रही है।
अड़े रहे परिजन एसडीएम ने तत्काल एंबुलेंस की व्यवस्था करवा कर शव को अंतिम संस्कार हेतु भेजने का प्रबंध किया, लेकिन परिजन काफी नाराज नजर आए। समाचार लिखे जाने तक आंदोलन जारी रहा। इस दौरान मृतक के भाई दीपक रतलाम, चाचा खुलाश राम नेताम एवं जनप्रतिनिधियों में फिरोज खान, ललित गोयल, सुजीत सिंह, दुर्गा गुप्ता, अलंकार नायक, अनूप जायसवाल समेत सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल रहे।
पंकज बेक की पत्नी भी हुई शामिल आंदोलनकारियों के बीच आज से करीब 1 वर्ष पूर्व अंबिकापुर में पुलिस हिरासत में हुई बहुचर्चित पंकज बेक मौत मामले में उसकी पत्नी रानू बेक भी शामिल हुई। वह परिजनों के साथ खड़ी रही और न्याय की मांग करती रही।
उन्होंने भी इस ओर ध्यान आकर्षण कराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस इसी प्रकार निर्दोषों को हिरासत में लेकर मौत के घाट उतार रही है। मेरे पति के साथ आज से डेढ़ वर्ष पूर्व यही घटना हुई थी आज फिर से डेढ़ वर्ष बाद इसी प्रकार की घटना की पुनरावृति हुई है। उसने कहा कि हम अंत तक न्याय की मांग करेंगे और दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाएंगे।
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