दरअसल शिक्षक अपने खेत में लगी फसल की रक्षा करने आसपास आग लगाने गए थे, यहां वे हाथियों से घिरने के बाद भाग नहीं सके। इसके बाद हाथियों ने उन्हें फुटबॉल की तरह खेला, फिर बुरी तरह कुचलकर शव को क्षत-विक्षत कर दिया। हाथियों के आतंक से प्रभावित ग्राम के लोग दहशत में हैं। वन विभाग की लापरवाह कार्यप्रणाली को लेकर उनका आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से हाथियों का दो दल चांदनी-बिहारपुर क्षेत्र में जमकर उत्पात
(Elephants panic) मचा रहा है। हाथियों ने कई एकड़ फसल बर्बाद कर दी है, अब उनके हमले में लोगों की जान भी जा रही है। दो दिन के भीतर हाथियों के हमले में दो लोगों की जान चली गई है।
बीते शुक्रवार की रात ग्राम पंचायत मोहरसोप के बनखेतापारा में हाथियों के हमले में 35 वर्षीय जवाहर बैस की मौत हो गई थी। ठीक अगले दिन हाथियों ने ग्राम पंचायत पासल के बघवई में उत्पात मचाते हुए एक शिक्षक की जान ले ली।
दरअसल ग्राम पंचायत पासल के प्राथमिक शाला में शिक्षक के पद पर पदस्थ 50 वर्षीय विश्वनाथ तिवारी पिता ददनु तिवारी शनिवार की शाम लगभग 5.30 बजे खेत में हाथियों के आने की सूचना पर फसल की रक्षा के लिए अन्य ग्रामीणों के साथ गए थे।
वे फसलों को बचाने के लिए आसपास आग लगाने गए थे। इसी दौरान वे व अन्य ग्रामीण हाथियों से घिर गए। अन्य ग्रामीण तो किसी तरह वहां से भाग गए, लेकिन शिक्षक नहीं भाग सके। हाथियों ने उन्हें बुरी तरह कुचलने के बाद शव को क्षत-विक्षत
(Elephants crushed teacher) कर दिया।
ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी
बिहारपुर के ग्रामीणों का आरोप है कि वन अमले की लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। अब तक तो हाथी फसल को नुकसान पहुंचा रहे थे, अब उनके हमले में लोगों की भी जान जा रही है। वन विभाग की लापरवाह कार्यप्रणाली को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि अगर हाथियों को क्षेत्र से जल्द नहीं खदेड़ा गया तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
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