इस पर पुलिस ने दूल्हे के पिता, चाचा, बड़े पिता एवं बड़े भाई के खिलाफ भी जुर्म दर्ज किया गया है। दोनों पक्षों को मिलाकर कुल 11 लोगों के खिलाफ बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकासखंड स्थित ग्राम पोड़ी निवासी 17 वर्षीय किशोरी का जबरन विवाह करने पर नाबालिग ने महिला हेल्प लाइन में गुहार लगाकर अपने आप को बचाने के लिए कहा। बालिका ने यह भी शिकायत की कि उसे जबरदस्ती अब गौना भेज रहे हैं। जाने से मना करने पर मारपीट की धमकी दे रहे हैं।
शिकायत प्राप्त होने पर चूंकि बालिका नाबालिग है, जिला बाल संरक्षण अधिकारी को पत्र जारी किया गया। पत्र के आधार पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल टीम के साथ प्रतापपुर के ग्राम पोड़ी गए। साथ ही महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी सरिता सिंह भी मौके पर पहुंचीं। मौके पर किशोरी, मां व दादा का कथन लिया गया।
सभी ने 30 अप्रैल को बाल विवाह होने की पुष्टि की। किशोरी ने यह भी बताया कि उसने अपने कम उम्र होने की जानकारी भी अपने ससुराल वालों को दी थी। यह जानते हुए भी बाल विवाह करने के कारण प्रतापपुर थाने में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 9,10 के तहत ११ लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया गया।
इसमें लड़की के पिता, मां, दो चाचा, दीदी, जीजा, लड़का पक्ष से लड़के के पिता, चाचा, बड़े पिता एवं बड़े भाई के ऊपर अपराध पंजीबद्ध किया गया है। इस कार्रवाई में संरक्षण अधिकारी अखिलेश सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता अंजनी साहू, सखी वन स्टॉप सेन्टर के परामर्शदाता चन्दा, पर्यवेक्षक गंगावती उइके व बालिन्दर सिंह शामिल रहे।
अब तक रोके 110 बाल विवाह
जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि जिले में बाल विवाह प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर से रोका जा रहा है। पूरे जिले में जनवरी से लेकर आज तक 110 बाल विवाह रोके जा चुके हैं। टीम द्वारा ओडग़ी के विभिन्न ग्रामों सहित प्रेमनगर, प्रतापपुर, भैयाथान, सूरजपुर, रामानुजनगर के सभी क्षेत्र में बाल विवाह रोके जा चुके हैं।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने क्षेत्र वासियों से अपील की है कि अपने सूरजपुर जिले मे सभी जनप्रतिनिधि और ग्रामीण इस हेतु विशेष
ध्यान दें और अपने जानकारी में होने वाले बाल विवाह को तत्काल रोकें।