इसी कड़ी में भी भटगांव क्षेत्र में टीम ने छापामार कार्रवाई की तो अधिकांश झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक का शटर गिराकर भाग खड़े हुए। इस दौरान टीम ने मेडिकल दुकानों की भी जांच कर संचालकों को अवैध तरीके से काम न करने की समझाइश दी।
गौरतलब है कि पिछले दिनों झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से एक बच्चे की मौत की घटना सामने आई थी। इसे कलक्टर ने गंभीरता से लेते हुए जिले भर में संचालित क्लीनिकों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसी तारतम्य में शुक्रवार को प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने अवैध क्लीनिकों में छापामार कार्रवाई की थी।
इसमें जिला मुख्यालय में 3, लटोरी में 5, प्रतापपुर में 6, भैयाथान में 4 व रामानुजनगर में 2 क्लिनिकों को सील कर दिया गया था। इसी कड़ी में भटगांव क्षेत्र में भी संयुक्त टीम ने छापामार कार्रवाई की। इसकी भनक लगने पर अधिकांश झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक का शटर गिराकर फरार हो गए। जब टीम वहां पहुंची तो शटर में ताला लटका मिला।
इसके बाद टीम ने भटगांव क्षेत्र में संचालित चंद्र मेडिकल, ज्योति मेडिकल, सुमित्रा मेडिकल, प्रेम मेडिकल में दस्तावेजों व लाइसेंस की जांच कर संचालकों को नियमानुसार कारोबार करने के निर्देश दिए। कार्रवाई में नायब तहसीलदार संगीता साय, डॉ. महेश्वर सिंह, तहसील के कर्मचारी विवेक पटेल, आरक्षक विजय गुप्ता व मिथलेश शामिल रहे।
लोगों की जिंदगी के साथ कर रहे खिलवाड़
भटगांव क्षेत्र के आसपास दर्जनों झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इनमें कई ने तो क्लीनिक खोल रखे हैं, साथ ही कुछ ऐसे हैं जो बाइक से ही घूम-घूमकर लोगों का इलाज कर मोटी कमाई कर रहे हैं।
इनके पास मेडिकल डिग्री या फिर प्रैक्टिस का लाइसेंस नहीं है। अक्सर देखा गया कि कोई घटना होने के बाद ही प्रशासन की नींद टूटती है, वरना ये झोलाछाप डॉक्टर बुलंद हौसले के साथ लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करते रहते हैं।