सुरजपुर

2 मासूम बालिकाओं को जबरन ले गया था जंगल, एक के साथ की हैवानियत, दूसरी दर्द से चिल्लाई तो…

प्रतापपुर के विशेष न्यायाधीश ने चार माह में ही सुनाया फैसला, मासूम से हैवानियत के आरोपी को दी ये सजा

सुरजपुरSep 28, 2018 / 09:09 pm

rampravesh vishwakarma

Innocent girl

प्रतापपुर/पोड़ी मोड़. साढ़े चार माह पूर्व दो मासूम बालिका का अपहरण कर जंगल में एक बालिका के साथ जबरन अनाचार के मामले में प्रतापपुर न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी ने पीडि़ता के साथ काफी हैवानियत की थी, वह दूसरी बालिका के साथ भी दुष्कर्म करना चाहता था, लेकिन दर्द से पीडि़ता के चिल्लाने पर वह मौके से फरार हो गया था। उसने दोनों को जान से मारने की धमकी भी थी।

सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम खडग़वांकला के झिंगापारा में 1 मई 2018 को घर के बाहर 3 बालिकाएं खेल रहीं थीं। इसी दौरान शाम लगभग 6 बजे ग्राम केरता बाजारपारा निवासी 28 वर्षीय आशीष गुप्ता पिता परमेश्वर गुप्ता बाइक से वहां पहुंचा। आरोपी ने खेल रही बच्चियों को पहले टॉफी का लालच दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि हम टॉफी नहीं खाएंगे।
इस पर आरोपी तीनों को जबरन बाइक में बैठाकर ले जाने लगा। इस दौरान एक बालिका बाइक से कूदकर भाग गई, लेकिन आरोपी दो बालिका को जबरन जंगल में ले गया। यहां बालिकाएं रोने लगीं तो आरोपी ने कहा कि अगर चुप नहीं हुए तो जान से मार दूंगा। धमकी देकर आरोपी ने एक बालिका के साथ हैवानियत करते हुए दुष्कर्म किया।
इससे दर्द से पीडि़ता कराहते हुए जोर-जोर से चिल्लाने लगी। आरोपी दूसरी बालिका के साथ भी अनाचार करना चाहता था, लेकिन पीडि़ता द्वारा शोर मचाने की वजह से आरोपी वहां से फरार हो गया। इस मामले में पीडि़ता के परिजन की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामले में धारा 363, 366, 376 व पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर 21 मई को आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय में पेश किया।
इस मामले की त्वरित सुनवाई करते हुए प्रतापपुर के विशेष न्यायाधीश एसएल नवरत्न ने साढ़े चार माह में ही फैसला सुना दिया। विशेष न्यायाधीश ने आरोपी आशीष गुप्ता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दो हजार के अर्थदंड से भी दंडित किया है।

पीडि़ता को आर्थिक सहायता की अनुशंसा
विशेष न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा है कि पीडि़ता बालिका है। इसलिए उसके पुनर्वास हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराया जाना उचित है, इसलिए धारा 357क पीडि़त प्रतिकर स्कीम के उपबंध में पीडि़ता के पुनर्वास हेतु उचित प्रतिकर की राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से दिलाए जाने की अनुशंसा की जाती है।
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