सूरत जिले में रोजाना कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ते हुए अब 1100 को पार कर गई है।। कोविड अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में परिजनों का जमावड़ा लग रहा है। न्यू सिविल अस्पताल में स्टेम सेल बिल्डिंग के अलावा पुरानी सिविल बिल्डिंग और किडनी-हार्ट अस्पताल में भी कोरोना मरीजों को भर्ती कर रहे हैं। मनपा क्षेत्र में मोटा वराछा निवासी 49 वर्षीय व्यक्ति, सरथाणा जकात नाका निवासी 54 वर्षीय व्यक्ति, वराछा पुणागाम निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति, वराछा निवासी 64 वर्षीय वृद्ध, अठवा वेसू निवासी 62 वर्षीय वृद्ध, आभवा गाम निवासी 57 वर्षीय महिला, पांडेसरा निवासी वृद्धा, लिम्बायत भाठेना निवासी 35 वर्षीय व्यक्ति, परवत पाटिया निवासी वृद्ध, वाडीफलिया निवासी 57 वर्षीय व्यक्ति, कतारगाम अमरोली निवासी 57 वर्षीय महिला, कोसाड निवासी 40 वर्षीय व्यक्ति, न्यू रांदेर निवासी 50 वर्षीय व्यक्ति और जहांगीरपुरा निवासी 58 वर्षीय व्यक्ति की न्यू सिविल, स्मीमेर और निर्मल अस्पताल में मौत हो गई।
मनपा स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, सूरत जिले के 3,544 कोरोना मरीज अभी अस्पताल में भर्ती हैं। न्यू सिविल और स्मीमेर अस्पताल में 1589 भर्ती हैं। इसमें 1059 की हालत गंभीर है। ऑक्सीजन पर 832, बाइपेप पर 203 और वेंटिलेटर पर 24 हैं। वहीं, शुक्रवार को सबसे अधिक अठवा जोन में 147, रांदेर जोन में 144, सेंट्रल जोन में मरीज मिले हैं।
वीडियो कॉल से परिजनों को मरीज से बात करवाएं स्वास्थ्य राज्यमंत्री किशोर कानाणी शुक्रवार को न्यू सिविल में कोविड-19 हॉस्पिटल का दौरा किया। उन्होंने डॉक्टरों के साथ बैठक में मरीजों और परिजनों के बीच वीडियो कॉलिंग करवाने के निर्देश दिए। इसके अलावा मरीजों को तुरंत भर्ती कर इलाज शुरू करने के लिए भी कहा।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की शॉर्टेज, कलेक्टर ने बंद की व्यवस्था बताया जा रहा है कि शुक्रवार देर शाम को जिला कलेक्टर डॉ. धवल पटेल ने इंजेक्शन का स्टॉक खत्म हो जाने के कारण निजी अस्पतालों को रेमडेसिविर इंजेक्शन मंजूरी की व्यवस्था बंद कर दी। इसके पहले छह अप्रेल को कलेक्टर ने दो इमेल आइडी जारी किए थे। निजी अस्पताल को इन्हीं दो इमेल पर इंजेक्शन की डिमांड भेजनी थी, लेकिन देर शाम को स्टॉक खत्म होने की जानकारी देते हुए इमेल पर इंजेक्शन के डिमांड की व्यवस्था बंद कर दी है। वहीं, दिनभर में निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के लिए शुक्रवार को 6116 रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए। इंजेक्शन खत्म होने के बाद अब फिर परिजनों को भटकने की नौबत आ गई है।