जानकारी के अनुसार कृषि, किसान कल्याण एवं सहकार विभाग ने समर्थन मूल्य पर किसानों से चने की खरीदी के लिए गुजरात स्टेट को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन को मजूरी दी है। इसके लिए किसानों को पंजीकरण करना जरूरी है। दो दिन पूर्व कोसंबा स्थित मांगरोल एपीएमसी में चने की खरीदारी शुरू की गई। इससे पूर्व ही सरकार ने एक परिपत्र जारी कर समर्थन मूल्य पर हर किसान से अधिकतम खरीद की सीमा घटा दी है। पहले जहां किसान से 2600 किलो चना खरीदा जाता था, 30 मई को जारी परिपत्र के बाद अब 1.5 हेक्टेअर से कम चने की फसल वाले किसानों से 360 किलो प्रति हेक्टेअर और 1.5 हेक्टेअर से अधिक उपज वाले किसानों से अधिकतम 540 किलो चने की खरीद की जाएगी।
सरकार के इस फैसले से पिछले दो माह से चना बेचने के लिए सरकारी खरीद का इंतजार कर रहे सूरत जिला के किसानों की हालत दयनीय हो गई है। दक्षिण गुजरात खेडुत समाज के प्रमुख जयेश पटेल ने बताया कि फिलहाल वित्तीय संकट के चलते कई किसान व्यापारियों को 3800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से चना बेच रहे हैं, जबकि सरकार ने समर्थन मूल्य 4800 प्रति क्विंटल तय किया है। चने की सरकारी खरीद की सीमा तय होने से किसानों को खासा नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कृषि विभाग से पहले से तय नियमों के अनुसार ही खरीदी करने की मांग की है।