क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक आरोपित गोविंद कुमार उर्फ मलखान चौधरी (40) बिहार के मोतीहारी जिले के घोडासहन का मूल निवासी है तथा फिलहाल बिहार के सुपौल जिले के सीमराही धमरपट्टी गांव में रहता है। उसने अपने गिरोह के मुख्य सूत्रधार ललन उर्फ टुनटुन साह समेत आठ जनों के साथ मिल कर रांदेर थाना क्षेत्र के रामनगर में एक स्टोर से १४ लाख रुपए के मोबाइल फोन की चोरी करना कबूल किया है। उसने बताया कि वह बिहार से ट्रेन में सूरत आए। २३ अक्टूबर को दिन में उन्होंने रामनगर के हेवमोर मोबाइल स्टोर की रेकी की। उसके बाद २४ अक्टूबर को सुबह साढ़े पांच बजे रेलवे स्टेशन से ऑटो रिक्शा लेकर रामनगर पहुंचे।
स्टोर का शटर तोड़ कर अलग-अलग किस्म के ९८ मोबाइल फोन चुराए और फरार हो गए। अगले दिन स्टोर के संचालक चंद्रेश राजाणी से सूचना मिलने पर रांदेर पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच भी सक्रिय हो गई। क्राइम ब्रांच के पुलिस उप निरीक्षक के.एम.भोला ने पड़ताल की तो वारदात में बिहार के घोडासहन गिरोह का हाथ होने की आशंका हुई। उन्होंने नेपाल सीमा पर बिहार के घोडासहन गांव के शातिरों का रिकॉर्ड खंगाला और एक टीम लेकर बिहार रवाना हो गए।
वहां कुछ दिन पड़ताल के बाद उन्होंने सीमराही में गोविंद उर्फ मलखान को ढूंढ निकाला और उसे सूरत ले आए। गिरोह का मुख्य सू््त्रधार ललन और अन्य साथी नेपाल भाग गए थे। यहां पूछताछ में गोविंद ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
गोविंद ने पूछताछ में सूरत के अलावा १८ अक्टूबर को वापी के वैशाली तिराहे पर एक मोबाइल शॉप से ६.३४ लाख के ४१ मोबाइल फोन की चोरी करना कबूल किया है। इसके अलावा उनसे डेढ़ साल पहले पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में ४० मोबाइल फोन की चोरी की। सालभर पहले फिर सिलीगुड़ी के बस स्टेण्ड की दुकान से २६ मोबाइल फोन चुराए। उसके बाद बिहार के पूर्णिया में एक दुकान से छह लेपटॉप चुराए। आठ महीने पहले फिर पूर्णिया में एक दुकान से २२ मोबाइल फोन चुराए। उसके बाद जून २०१८ में गुवाहाटी के पलटन बाजार में एक दुकान से ४० मोबाइल फोन और पंजाब के लुधियाना में एक दुकान से ५५ मोबाइल फोन चुराए।
पर्दा लगा कर तोड़ते हैं शटर
पुलिस ने बताया कि घोडासहन गिरोह के सदस्य पर्दा लगा कर चोरी करते हैं। वह मोबाइल फोन की ऐसी दुकानों को निशाना बनाते है, जिनके शटर में सेंट्रल लॉक न हो। वह बड़ी चादर साथ ले जाते हैं। एक साइड से शटर तोड़ एक दो जने अंदर घुस जाते हैं। फिर दो जने चादर का पर्दा बना कर शटर पर इस तरह खड़े हो जाते हैं कि वहां से कोई गुजरे तो पर्दे की वजह से उसका ध्यान शटर पर जाए।
लंबे समय से सक्रिय
पुलिस ने बताया कि घोडासहन गिरोह लंबे समय से सक्रिय है। गिरफ्तार गोविंद और उसके गिरोह के साथी २०१६ में उतराखंड के देहरादून में चोरी की तीन घटनाओं में पकड़े गए। उसके बाद गोविंद मध्यप्रदेश के खंडवा में भी एक गैस गोदाम से नकदी चुराने के मामले में पकड़ा गया था। इन मामलों में जेल से रिहा होने के बाद वह फिर सक्रिय हो गए थे।
नेपाल में बेचते हैं चोरी का माल
पुलिस पूछताछ में गोविंद ने बताया कि चोरी के बाद वह मोबाइल लेकर घोडासहन जाते हैं। वहां से ललन और उनके साथी नेपाल जाकर मोबाइल फोन बेच आते हैं। फिर रुपए आपस में बांट लेते हैं। मोबाइल नेपाल में होने के कारण पुलिस उन्हें ट्रेस नहीं कर पाती।