हर साल 31 मई को वल्र्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है। सेहत के लिए तम्बाकू कितना हानिकारक हो सकता है, यह जानते हुए भी लोग इसे खाने से परहेज नहीं करते। भरत कैंसर अस्पताल के रेडियेशन विभाग के अध्यक्ष डॉ. निलेश महाले ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि तंबाकू के सेवन से 15 से 20 प्रकार के कैंसर होते हैं। इसमें गला, अन्ननली, फेफड़े, पेशाब की थैली के कैंसर प्रमुख हैं। केन्द्र और राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत योजना और मां अमृतम योजना के तहत नौ साल में 90 हजार से अधिक कैंसर मरीजों का इलाज किया गया है। प्रारंभिक स्टेज में कैंसर का इलाज संभव है। तंबाकू की खेती से जमीन और पानी दोनों की बर्बादी के साथ ही व्यक्ति के शरीर को भी नुकसान पहुंचता है। इस साल की थीम का उद्देश्य तंबाकू की खेती से लोगाें को दूर कर अन्न उत्पादन से जोड़ना है, जिससे वैश्विक खाद्य संकट से निपटने में सहयोग मिले। – हेल्थ बजट का 5 प्रतिशत तंबाकू पर खर्च : निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों की मासिक आय 15 से 35 हजार रुपए के बीच होती है। इसमें से वह हजार से 15 सौ रुपए तंबाकू या दूसरे नशे पर खर्च करते हैं। यह राशि परिवार के हेल्थ बजट पर खर्च की जानी चाहिए। पुरुषों में 60 प्रतिशत, महिलाओं में 10 प्रतिशत और किशोरावस्था में 5 प्रतिशत लोगों में तंबाकू के कारण कैंसर देखने को मिल रहा है। तंबाकू सेवन से उम्र 10 से 15 वर्ष घट जाती है। गुजरात में 74 प्रतिशत कैंसर के मामले तंबाकू सेवन के हैं।
तंबाकू छोडऩे के लिए हेल्पलाइन नेशनल टॉबेको कंट्रोल प्रोग्राम के तहत तंबाकू छोडऩे के लिए दो हेल्पलाइन नम्बर जारी किए हैं। इसमें काउंसलिंग के लिए टॉल फ्री 1800112356 और मिस्ड कॉल के लिए 011 22901701 शामिल हैं। पैसिव स्मोकिंग के कारण 30 प्रतिशत लोगों में कैंसर का प्रमाण देखने को मिलता है। तंबाकू के सेवन से बी-12, बी-6 की कमी समेत गंभीर कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।
डॉ. विनोद शाह, फिजिशियन, सूरत।