रोज यहीं से डेढ़ सौ पार्सल
हादसे के पीडि़त व्यापारी के मुताबिक अकेले पांचवें फ्लोर से ही प्रतिदिन औसत डेढ़ सौ पार्सल माल अन्यत्र मंडियों में जाता था। एक पार्सल में औसतन 40 से 50 हजार रुपए कीमत का माल होता है। इससे समझा जा सकता है कि रघुवीर सीलियम टैक्सटाइल मार्केट में आग हादसे से कपड़ा व्यापारियों को कितना बड़ा नुकसान हुआ है। इनमें से कई व्यापारी तो एक्सपोर्ट क्वालिटी का महंगा कपड़़ा भी तैयार करते थे।
11 महीने पहले ही मुंबई से आए
वर्षों तक मुंबई में कपड़ा कारोबार करने के बाद 11 महीने पहले ही सूरत के कपड़ा बाजार में तकदीर आजमाने आए एक अन्य पीडि़त व्यापारी ने बताया कि उनकी दुकान भले ही मार्केट के तीसरे भाग में है लेकिन, भीषण आग से पैदा हुई स्थिति को देखते हुए साफ लगता है कि उन्हें भी बड़ा नुकसान हुआ है। शुटिंग-शर्टिंग के कारोबार से जुड़े इस व्यापारी का मानना है कि सबको संभाल लेने वाला सूरत मानों उन्हें रास नहीं आया लगता है।
नुकसान का आकलन मुश्किल
वहीं, मार्केट के पहले भाग के पहले फ्लोर पर व्यापारिक प्रतिष्ठान वाले एक अन्य व्यापारी ने बताया कि आग हादसे से नुकसान का आकलन कर पाना बड़ा मुश्किल है क्योंकि, आग ने सबकुछ खाक कर दिया है। कच्चा माल, तैयार माल, ऑफिस, कागजात, मार्केट इमारत समेत अन्य ऐसी कई वस्तुएं है जिनका ख्याल भी तुरंत नहीं आ पाएगा और जब उनके बारे में जानेंगे तब तक काफी वक्त बीत चुका होगा और यह बड़ा नुकसान होगा।