उस दौरान लूम कारखाने में काम करने वाला प्रताप आरोपियों के साथ ही रहता था। प्रताप उस दिन दोपहर के समय शिवराम के पुत्र गुल्लू के एक जोड़ी नए कपड़े लेकर कहीं चला गया था। इस पर शिवाराम, सिमांचल व उसके साथी मोटरसाइकिल लेकर उसे ढूंढने निकले थे। कुछ ही देर में उन्होंने प्रताप को ढूंढ लिया और उसे पांडेसरा पुनितनगर के निकट खाड़ी (बरसाती नाले) के किनारे पर ले आए। वहां उन्होंने उसे बबूल के पेड से बांध दिया। फिर लाठी डंडों से बुरी तरह से पीटा। कई घंटों तक मारपीट कर प्रताडि़त किया।
अधमरी हालत में उसे वहीं छोड़ दिया और शाम को वहां से चले गए। फिर रात नौ बजे फिर वे वहीं पर लौट कर आए। कुल्हाड़ी व तलवार से प्रताप पर वार किया। उसका सिर और धड़ अलग कर दिया। उसके बाद खाड़ी के दूसरे पर दो अलग अलग स्थानों पर उसका सिर और धड़ फेंक कर फरार हो गए थे। सिर और घड़ अलग अलग स्थानों से बरामद होने पर पांडेसरा पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की थी। उस दौरान पुलिस ने शिवराम व सिमांचल समेत एक एक कर अन्य आरोपियों को तो गिरफ्तार कर लिया था लेकिन जयराम फरार हो गया था।
वह सूरत से भाग कर पहले ओडिसा गया। कुछ समय तक ओडिसा में ही अलग अलग जगहों पर छिपा रहा, फिर लौट आया। फिलहाल वह कामरेज थानाक्षेत्र में अपनी पहचान बदल कर रह रहा था। मंगलवार को वह अपने किसी मित्र से मिलने के लिए सचिन जीआइडीसी क्षेत्र की शिवांजली सोसायटी में आया था। उसके बारे में मुखबिर से पुख्ता सूचना मिलने पर सचिन थाना प्रभारी डीवी बलदाणिया ने पुलिस टीम को साथ छापा मारा और उसे हिरासत में ले लिया।
थाने लाकर पूछताछ के दौरान उसने हत्या में लिप्तता कबूल की। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसी ने मुख्य आरोपी शिवराम से तलवार लेकर प्रताप पर वार किया था। सचिन पुलिस ने उसे पांडेसरा पुलिस को सौंपने की कवायद शुरू कर दी है।
दो साल तक सूरत में भी रहा पुलिस को नहीं लगी भनक सूत्रों का कहना हैं कि आरोपी जयराम बेहरा ने अपना नाम बदल कर जय कर दिया था। उसने फर्जी पहचान पत्र भी बना लिया था। कुछ समय तक ओडिसा में रहने के बाद वह सूरत आ गया था। फिर उसने कुछ समय तक पांडेसरा व सचिन जीआइडीसी के लूम कारखानों में काम भी किया था। लेकिन पुलिस को इसकी भनक नहीं लगी। फिर कामरेज में की फैक्ट्री में काम मिलने पर वहां रहने चल गया था ।