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ADMISSION : डिग्री इंजीनियङ्क्षरग में 35 हजार सीटें खाली रहने का खतरा

– 31 हजार में से 20 हजार ने ही प्रवेश निश्चित करवाया

सूरतJul 12, 2018 / 06:26 pm

Divyesh Kumar Sondarva

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ADMISSION : डिग्री इंजीनियङ्क्षरग में 35 हजार सीटें खाली रहने का खतरा

सूरत.

राज्यभर के डिग्री इंजीनियङ्क्षरग महाविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों पर सीटें रिक्त रहने का खतरा मंडरा रहा है। रिक्त सीटों का आंकड़ा 35 हजार तक पहुंचने की आशंका है, क्योंकि 31 हजार विद्यार्थियों में से 20 हजार ने ही फीस भर कर प्रवेश निश्चित करवाया है।
राज्य के डिग्री इंजीनियङ्क्षंरग महाविद्यालयों और संस्थानों में प्रवेश का जिम्मा एसीपीसी को सौंपा गया है। हर साल डिग्री इंजीनियङ्क्षरग की हजारों सीटें रिक्त रह जाती हैं। आम तौर पर रिक्त सीटों का आंकड़ा 20 से 25 हजार रहता है, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 35 हजार तक पहुंचने वाला है। राज्य में डिग्री इंजीनियङ्क्षरग की करीब 55 हजार सीटें हैं। इनमें से 10,777 सरकारी और 44,545 स्वनिर्भर हैं। इस बार प्रवेश के लिए करीब 44 हजार विद्यार्थियों ने फॉर्म लिया था, इसलिए पहले से 10 हजार के आसपास सीटें रिक्त रहने के आसार नजर आने लगे थे। प्रवेश प्रक्रिया के लिए 44 हजार में से 35 हजार विद्यार्थियों ने ही पंजीकरण करवाया। इससे और अधिक सीटें रिक्त रहने की आशंका बढ़ी। फॉर्म की जांच के दौरान 4 हजार आवेदनों को रद्द कर दिया गया। प्रवेश की दौड़ में 31 हजार विद्यार्थी ही शामिल हुए। इनकी मेरिट जारी की गई। बाद में 31 हजार में से 20 हजार विद्यार्थियों ने ही फीस भर कर प्रवेश निश्चित करवाया। फीस भरने की अवधि पूरी होने के बाद 10 हजार विद्यार्थियों ने फीस नहीं भरी। यानी 55 हजार सीटों के मुकाबले मात्र 20 हजार विद्यार्थी प्रवेश लेना चाहते हैं। अब बाकी 35 हजार सीटों को भरने के लिए जुगाड़ करना होगा, नहीं तो स्वनिर्भर महाविद्यालयों को बड़ा नुकसान होगा।
कई कॉलेजों में एक भी प्रवेश नहीं
राज्य के कई महाविद्यालय ऐसे हैं, जहां एक भी विद्यार्थी ने प्रवेश नहीं लिया है। पिछले साल रिक्त सीटों की संख्या को देखते हुए कई महाविद्यालयों ने अपनी सीटें कम कर दी थीं। इसके बावजूद सीटें नहीं भर पाई हैं।
स्वनिर्भर कॉलेजों की 50 फीसदी से अधिक सीटें खाली
राज्य के स्वनिर्भर महाविद्यालयों में करीब 46,645 सीटें हैं। प्रथम राउंड में यहां 21,343 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। राज्यभर में स्वनिर्भर कॉलेजों की 25,302 सीट रिक्त पड़ी हैं। सरकारी और अनुदानित महाविद्यालयों में 10,777 सीटें है। इनमें से प्रथम राउंड में 10,591 सीटें भर गईं। यहां मात्र 186 सीटें रिक्त हैं। प्रवेश के दूसरे राउंड में यह सीटें भर सकती हैं।
कम्प्यूटर पहली पसंद
इस साल इंजीनियङ्क्षरग की कम्प्यूटर ब्रांच विद्यार्थियों की पहली पसंद है। कम्प्यूटर ब्रांच में करीब 6,628 सीटें हैं। इनमें से 5,340 भर गई हैं। हर साल मेकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रिकल में प्रवेश लेने वाले अधिक होते हैं। इन तीनों ब्रांच में सर्वाधिक सीटें भरती हैं, लेकिन इन पाठ्यक्रमों में इस बार करीब 50 प्रतिशत सीटें खाली हैं। सिविल की 5,872 सीटों में से 3,945 सीटें ही भर पाई हैं। मेकेनिकल की 10,657 में से 4,432 और इलेक्ट्रिकल की 6,543 में से 2,588 सीटों पर प्रवेश लिया गया है।

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