पुलिस के मुताबिक सचिन स्थित राधाकृष्ण ट्रेडिंग कंपनी के भरत गजेरा, पुरुषोत्तम कणसागरा, संजय अरोड़ा, किशनलाल अग्रवाल मिल कर अवैध रूप से जिओ ट्रैड मार्क का उपयोग कर रहे थे। वे जिओ डेटा के बाद जिओ आटा का स्लोगन प्रचारित कर रिलांयस के जिओ ब्रांड नेम से पैक गेंहू का आटा बेच रहे थे।
रिलांयस कंपनी से इस बारे में सूचना मिली थी कि कंपनी द्वारा किसी प्रकार के कृषि उत्पाद नहीं बेचे जाता है। कंपनी से शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया और चारों को गिरफ्तार किया गया।
मास्क के लिए अवैध वसूली करता होमगार्ड पकड़ा गया
सूरत. गोड़ादरा इलाके में वर्दी पहनकर मास्क के लिए अवैध रूप से दंड वसूली कर रहे होमगार्ड को व्यापारियों ने पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस के मुताबिक खटोदरा थाने में तैनात होमगार्ड जवान सागर खैरनार गोडादरा क्षेत्र के दुकानों से अवैध वसूली कर रहा था।
वह पिछले पन्द्रह दिनों से अपने हाथ का ऑपरेशन करवाने के लिए छुट्टी पर था। छुट्टी के दौरान वह वर्दी पहन कर गोडादरा के महाराणा प्रताप सर्कल व अन्य इलाकों की दुकानों में जाता था। मास्क नहीं पहनने वाले व्यापारियों से दंड वसूल करता था। दंड की उन्हें कोई रसीद भी नहीं देता था। गुरुवार को महाराणा प्रताप सर्कल पर व्यापारियों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया
लिम्बायत में हुई हत्या के पांच शातिर गिरफ्तार
सूरत. लिम्बायत पुलिस ने करीब दस दिन पूर्व हुई मोहसीन नाम के युवक की हत्या के आरोप में पांच शातिरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक फारुख पार्सल, फारूख तेरा, सागर उर्फ तडीपार, जयेश कुमावत व राहुल उर्फ पंडित मोहसीन पुत्र सलीम खान पठान की हत्या में शामिल थे।
मोहसीन का शोएब सिटी नाम के युवक के साथ किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। उसी की रंजिश में शोएब व उनके साथियों ने गत 11 जनवरी को जंगलशाह बाबा दरगाह के निकट मोहसीन पर धारदार हथियारों से हमला कर उसकी निर्मम हत्या कर दी थी।
पांडेसरा में क्लीनिक चलाने वाला फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार
सूरत. स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप पुलिस ने पांडेसरा इलाके में अवैध रूप से क्लीनिक चलाने वाले एक फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया है तथा उसकी फर्जी डिग्री बनाने वाले को वांछित घोषित किया है। पुलिस के मुताबिक पांडेसरा रणछोड़ नगर निवासी निलेश तिवारी (25) अवैध रूप से बालाजीनगर में अपना आशीर्वाद क्लीनिक चला रहा था।
जबकि वह उसके डॉक्टर की कोई मान्य डिग्री नहीं थी। उसने पांडेसरा आर्विभाव सोसायटी निवासी डॉ. हिमांशुशेखर पंडा की मदद से किसी डॉक्टर वैभव कणजरिया के डिग्री सर्टीफिकेट से छेड़छाड़ कर अपनी फर्जी डिग्री बनाई थी। उसका उपयोग कर वह क्लीनिक चला रहा था।