बनेगा चुड़ामणि ग्रहण योग
इस अभूतपूर्व खगोलीय घटना के संदर्भ में ज्योतिषी डॉ. हरीश जोशी बताते हैं कि रविवार को सूर्यग्रहण होने से 21 जून को चुड़ामणि ग्रहण योग बनेगा और यह ग्रहणकाल 5 घंटे 48 मिनट 3 सैकंड का रहेगा। ईस्वी सन की शुरुआत से 3 हजार 137 वर्ष पहले ऐसे ही योग में ऐतिहासिक महाभारत युद्ध हुआ था। सूर्यग्रहण से उत्पन्न गर्मी, ऊर्जा से कोरोना वायरस का नाश भी संभव है, लेकिन उसमें सितम्बर तक का वक्त बीतने की उम्मीद है।
धुंधला रहेगा चंद्रमा
उपच्छायी चंद्रग्रहण होने से 5 जून शुक्रवार को धुंधले चंद्रमा के साथ माध्य उपच्छायी चंद्रग्रहण दिखाी देगा, लेकिन यह ग्रहण भी 21 जून के सूर्यग्रहण के समान ही दो तिथियों के बीच रहेगा। ज्योतिषी घनश्याम भारद्वाज बताते हैं कि उपच्छाया उपच्छाया चंद्रग्रहण उस समय लगता है, जब पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे चंद्रमा ‘पेनुम्ब्रा’ (धरती की परछाई का हल्का भाग) से होकर गुजरता है। हालांकि यह ग्रहण आसमान में साफ तौर पर नहीं दिखेगा।