मूलतः भावनगर जिले की गरियाधार तहसील के रूपावटी गांव और यहां मोटा वराछा स्नेहमुद्रा सोसायटी निवासी कनुभाई को 18 जनवरी को लकवा का अटैक आया था। उन्हें किरण अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां ब्रेन हेमरेज का निदान हुआ था। उनकी सर्जरी की गई थी। 20 जनवरी को चिकित्सकों ने उन्हें ब्रेनडेड घोषित किया। इसके बाद डोनेट लाइफ के स्थापक नीलेश मांडलेवाला और उनकी टीम ने कनुभाई के पुत्रों को अंगदान का महत्व समझाया। परिजनों ने कनुभाई के किडनी, लिवर और दोनों हाथों का दान किया। हाथ हवाई मार्ग से 75 मिनट में मुंबई ले जाकर महाराष्ट्र की 35 वर्षीय महिला में ट्रांसप्लांट किए गए। वहीं, लिवर का ट्रांसप्लांट दाहोद के 32 वर्षीय पुरुष में किडनी का ट्रांसप्लांट सुरेंद्रनगर की महिला में की गई।
तीन साल पहले करंट लगने से दोनों हाथ गवाए थे महिला ने कनुभाई के दोनों हाथ महाराष्ट्र के बुलढाना की 35 वर्षीय महिला में ट्रांसप्लांट किए गए। महिला का पति किराना दुकान चलाता था। उन्हें 8 और 6 साल की दो पुत्रियां और 4 वर्ष का एक पुत्र है। तीन साल पहले कपड़े सुखाने डालते समय बिजली का करंट लगने से महिला के दोनों हाथ काटने पड़े थे। हाथों के ट्रांसप्लांट की मुंबई की यह पांचवी घटना है और देश की 20वीं घटना है।