प्रशासन पर्यटन को प्रमोट नहीं करता
स्थानीय निवासी सुभाष राठौड़ ने बताया कि कोशमाल के भेगू जलप्रपात सहित इस विस्तार के माछली खातण में पौराणिक शिव मंदिर एवं रूपगढ़ किला समेत कई दर्शनीय स्थल हैं। इनका विकास होने पर पर्यटकों की संख्या के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। सरपंच अरुण राठौड़ ने कहा कि बरसात के दिनों में यहां की सुन्दरता से आकर्षित होकर हजारों लोग आते हैं, लेकिन प्रशासन पर्यटन को प्रमोट नहीं करता। इस संबंध में समय-समय पर प्रशासन को पत्र भी लिखा गया है।
स्थानीय निवासी सुभाष राठौड़ ने बताया कि कोशमाल के भेगू जलप्रपात सहित इस विस्तार के माछली खातण में पौराणिक शिव मंदिर एवं रूपगढ़ किला समेत कई दर्शनीय स्थल हैं। इनका विकास होने पर पर्यटकों की संख्या के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। सरपंच अरुण राठौड़ ने कहा कि बरसात के दिनों में यहां की सुन्दरता से आकर्षित होकर हजारों लोग आते हैं, लेकिन प्रशासन पर्यटन को प्रमोट नहीं करता। इस संबंध में समय-समय पर प्रशासन को पत्र भी लिखा गया है।
अवैध कॉलेज और विश्विद्यालयों को बंद करने की मांग
नवसारी. कृषि स्नातकोत्तर अभ्यासक्रम में प्रवेश के लिए बीते रविवार को ली जाने वाली प्रवेश परीक्षा पर हाईकोर्ट के स्टे से नाराज नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों ने रैली निकाली और अतिरिक्त जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया। उन्होंने निजी कॉलेज की मान्यता रद्द करने तथा प्रवेश परीक्षा पर लगाई रोक वापस लेने की मांग की। कोर्ट ने यह फैसला निजी कॉलेज के छात्रों के प्रवेश की मांग पर दिया था।
राज्य में चार कृषि विश्वविद्यालय हैं। इनमें पढऩे वाले छात्रों को स्नातक के बाद स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा से गुजरना पड़ता है। पांच अगस्त को जूनागढ़ में इसके लिए प्रवेश परीक्षा निर्धारित थी। धोलका के राय विश्वविद्यालय के कृषि कॉलेज के स्नातकों ने भी राज्य की सरकारी कृषि विश्वविद्यालयों में प्रवेश की मांग के लिए गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की। तीन अगस्त को कोर्ट ने प्रवेशपरीक्षा पर स्टे लगा दिया। जिसके कारण प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों में नाराजगी है।
इसके खिलाफ छात्रों ने सोमवार को रैली निकालकर ऐसे अवैध कालेजों को बंद करने की मांग की। छात्रों ने बताया कि निजी कृषि कालेज आईसीएआर से मान्यता प्राप्त नहीं होते। कृषि कालेजों के लिए 50 हेक्टेयर जमीन, कृषि अभ्यासक्रमों के लिए विभिन्न विषयों की प्रयोगशाला होना आवश्यक है। निजी कालेजों में ऐसी कोई सुविधा नहीं होती। राज्य सरकार के कृषि, सहकार व शिक्षा विभाग की ओर से भी कोई मान्यता नहीं रहती। अतिरिक्त जिला कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में ऐसे कालेजों को बंद करने एवं प्रवेश परीक्षा पर लगाए स्टे को हटाने की मांग की।
छात्रा निशा राठौड़ ने कहा कि दो महीने से प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही थी। निजी कॉलेज के छात्रों की याचिका पर कोर्ट के स्टे के कारण परीक्षा नहीं दे पाई। इसीलिए ज्ञापन दिया है और विश्वास है कि हमे न्याय मिलेगा। अतिरिक्त जिला कलक्टर कमलेश राठौड़ ने बताया कि ज्ञापन देने वाले छात्रों के अनुसार निजी कालेज के छात्र स्नातकोत्तर कोर्स के योग्य नहीं हैं, उसके बाद भी हाईकोर्ट में जाकर स्टे लिया है। उनकी मांग सरकार तक पहुंचाई जाएगी इसके बाद सरकार इस बारे में कोई निर्णय लेगी।
नवसारी. कृषि स्नातकोत्तर अभ्यासक्रम में प्रवेश के लिए बीते रविवार को ली जाने वाली प्रवेश परीक्षा पर हाईकोर्ट के स्टे से नाराज नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों ने रैली निकाली और अतिरिक्त जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया। उन्होंने निजी कॉलेज की मान्यता रद्द करने तथा प्रवेश परीक्षा पर लगाई रोक वापस लेने की मांग की। कोर्ट ने यह फैसला निजी कॉलेज के छात्रों के प्रवेश की मांग पर दिया था।
राज्य में चार कृषि विश्वविद्यालय हैं। इनमें पढऩे वाले छात्रों को स्नातक के बाद स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा से गुजरना पड़ता है। पांच अगस्त को जूनागढ़ में इसके लिए प्रवेश परीक्षा निर्धारित थी। धोलका के राय विश्वविद्यालय के कृषि कॉलेज के स्नातकों ने भी राज्य की सरकारी कृषि विश्वविद्यालयों में प्रवेश की मांग के लिए गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की। तीन अगस्त को कोर्ट ने प्रवेशपरीक्षा पर स्टे लगा दिया। जिसके कारण प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों में नाराजगी है।
इसके खिलाफ छात्रों ने सोमवार को रैली निकालकर ऐसे अवैध कालेजों को बंद करने की मांग की। छात्रों ने बताया कि निजी कृषि कालेज आईसीएआर से मान्यता प्राप्त नहीं होते। कृषि कालेजों के लिए 50 हेक्टेयर जमीन, कृषि अभ्यासक्रमों के लिए विभिन्न विषयों की प्रयोगशाला होना आवश्यक है। निजी कालेजों में ऐसी कोई सुविधा नहीं होती। राज्य सरकार के कृषि, सहकार व शिक्षा विभाग की ओर से भी कोई मान्यता नहीं रहती। अतिरिक्त जिला कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में ऐसे कालेजों को बंद करने एवं प्रवेश परीक्षा पर लगाए स्टे को हटाने की मांग की।
छात्रा निशा राठौड़ ने कहा कि दो महीने से प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही थी। निजी कॉलेज के छात्रों की याचिका पर कोर्ट के स्टे के कारण परीक्षा नहीं दे पाई। इसीलिए ज्ञापन दिया है और विश्वास है कि हमे न्याय मिलेगा। अतिरिक्त जिला कलक्टर कमलेश राठौड़ ने बताया कि ज्ञापन देने वाले छात्रों के अनुसार निजी कालेज के छात्र स्नातकोत्तर कोर्स के योग्य नहीं हैं, उसके बाद भी हाईकोर्ट में जाकर स्टे लिया है। उनकी मांग सरकार तक पहुंचाई जाएगी इसके बाद सरकार इस बारे में कोई निर्णय लेगी।