जीएसटी विभाग की ओर से 18 जुलाई को मीत कॉर्पोरेशन, मेसर्स आशी एंटरप्राइज, मेसर्स टी.ए.ट्रेडर्स तथा मेसर्स विहार ट्रेडर्स के संचालक अभिनय अश्विनकुमार अग्रवाल, अब्दुल्ला मोहम्मद इस्माइल शेख, दिनेशकुमार रामस्नेह पांडे तथा कृष्णा दीनबंधु जन्ना के खिलाफ गुजरात गुड्स एंड सर्विस टैक्स एक्ट-2017 और सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स एक्ट की धारा 132(1) (आइ) के तहत मामला दर्ज कर चारों को गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट ने चारों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। चारों पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी कंपनियां बनाकर फर्जी बिलिंग के जरिए सरकार को करोड़ों रुपए के टैक्स का नुकसान पहुंचाया। चार में दो अभियुक्त दिनेशकुमार रामस्नेह पांडेय और कृष्णा दीनबंधु जन्ना ने अधिवक्ता केतन रेशमवाला के जरिए कोर्ट में नियमित जमानत याचिकाएं दायर की थीं। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता रेशमवाला ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि दोनों अभियुक्त मुख्य अभियुक्त अभिनय अग्रवाल के यहां चपरासी की नौकरी करते हैं। उन्हें जीएसटी कानून के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही उन्होंने कोई आर्थिक लाभ लिया है। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अधिवक्ता रेशमवाला की दलीलों को ध्यान में रखते हुए दोनों अभियुक्तों को 50 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।