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सूरत

बायोगैस से चलाई बाइक, अब कार के लिए तैयारी

बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण और पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों के बीच पर्यावरण अनुकूल बाइक पर शोध तपती धूप में ठंडी हवा के झोंके जैसी हैं।

सूरतFeb 24, 2018 / 11:57 pm

मुकेश शर्मा

Bike driving with biogas, now preparing for the car

Bike driving with biogas, now preparing for the car

सूरत।बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण और पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों के बीच पर्यावरण अनुकूल बाइक पर शोध तपती धूप में ठंडी हवा के झोंके जैसी हैं। तापी इंजीनियरिंग कॉलेज के छह छात्रों ने बायोगैस से बाइक चलाकर इस कारनामे को अंजाम दिया है। बायोगैस बाइक की सफलता के बाद इनका फोकस अब बायोगैस से कार का इंजन तैयार करने पर है।

बढ़ते प्रदूषण ने जहां पर्यावरण विज्ञानियों को परेशान कर रखा है, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने मध्यमवर्ग की कमर तोड़ दी है। इससे निजात पाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी नॉन मोटर्ड व्हीकल का स्लोगन देते हुए दुनिया को साइकिल युग में लौटने की सलाह दी है। इसी बीच तापी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने बाइक को बगैर पेट्रोल-डीजल चलाने के कंसेप्ट पर काम किया।

मैकेनिकल तृतीय वर्ष के छात्र जश वासणवाला ने बताया कि पेट्रोलियम के गहराते संकट और बढ़ती कीमतों को देखते हुए उनके मन में यह विचार आया। अपने दोस्तों शिवम, अनमोल, राहुल, सचिन और राजवीर के साथ इस मुद्दे पर बात हुई तथा बिना पेट्रोल बाइक चलाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया।

ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में मोटर को चलाने के विकल्पों पर शोध किया तो पता चला कि ऑटोमोबाइल मोटर को मीथेन से चलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब सारा ध्यान इंजन को रजिस्टर कराने पर है। इसके बाद वह बायोगैस से कार के प्रोजेक्ट पर काम शुरू करेंगे।

बायोगैस है बेहतर विकल्प

मीथेन को हासिल करने के लिए बायोगैस बेहतर विकल्प है। इसे देखते हुए इन छात्रों ने आठ महीने की मेहनत से ऐसा इंजन तैयार किया, जिसे बायोगैस से चलाया जा सकता है। जैसे-जैसे इस प्रोजेक्ट पर आगे बढ़े तो पता चला कि मीथेन से इंजन की उम्र भी बढ़ती है और पर्यावरण को भी कम नुकसान होता है। साथ ही मीथेन संचालित इंजन पेट्रोल की अपेक्षा एवरेज भी ज्यादा दे रहा है। पेट्रोल की जगह बायोगैस वातावरण को ९० फीसदी कम नुकसान पहुंचाती है।

आत्मविलोपन करने कलक्टर कार्यालय पहुंचा साधु

जिले के कणभा इलाके में कुहा गांव स्थित रामदास बजरंग सेवा संघ आश्रम व यहां स्थित रणजीत हनुमान मंदिर की जमीन को कुछ लोगों की ओर से हड़पने की कोशिश करने से परेशान साधु के शुक्रवार को आत्महत्या करने के लिए कलक्टर कार्यालय पहुंचने पर उसे पुलिस ने पकड़ लिया। पाटण कलक्टर कार्यालय में दलित कार्यकर्ता भानूभाई वणकर के आत्मदाह की घटना के बाद सावधानी बरत रहे अहमदाबाद कलक्टर कार्यालय और शहर पुलिस प्रशासन ने सुबह से ही कार्यालय में पुलिस तैनात कर दी थी।

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