न्यू सिविल अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार नवसारी जिले के मंदिर गांव निवासी दिनेश गांडा पटेल (६५) का रविवार सुबह देहांत मौत हो गया। उसने शादी नहीं की थी और वह अपना शरीर मेडिकल छात्रों को पढ़ाई के लिए दान करना चाहता था। परिजनों ने नवसारी में जरूरी पेपर वर्क खत्म किया और शव को दान करने के लिए सूरत, न्यू सिविल अस्पताल ले आए। एनाटोमी विभाग में जाने के बाद परिजनों को फोटो और डॉक्यूमेंट कार्रवाई पूरी करने के लिए एक जगह से दूसरी जगह दौड़ाया गया।
परेशान होकर परिजनों ने शहर के कुछ अग्रणी लोगों को फोन कर इसकी जानकारी दी। इसके बाद सूरत मेडिकल कॉलेज के आला अधिकारी हरकत में आए और देहदान स्वीकार कर लिया गया। उल्लेखनीय है कि न्यू सिविल अस्पताल में देहदान के लिए वन विंडो व्यवस्था नहीं है। कोई व्यक्ति न्यू सिविल अस्पताल में देहदान की जानकारी लेने आता है तो उसे यहां से वहां दो-चार जगह घूमने के बाद भी संतोषजनक जवाब शायद ही मिलता है।
व्यवस्था करेंगे
&न्यू सिविल अस्पताल के पोस्टमार्टम रूम के बाहर देहदान से जुड़ी जानकारियों की सूची लगाने की व्यवस्था की जाएगी। सोमवार को देहदान में हुई देरी के बारे में विभाग से जानकारी मांगी जाएगी।डॉ. जयेश ब्रह्मभट्ट, डीन, सूरत मेडिकल कॉलेज
कंकाल, खोपड़ी, कमर का हिस्सा अलग-अलग मिला
उमरा थाना क्षेत्र में राधाकृष्ण मंदिर के पास तापी नदी के किनारे एक खोपड़ी और कमर से नीचे का हिस्सा अलग-अलग मिले हैं। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए न्यू सिविल अस्पताल लेकर आई। फोरेन्सिक चिकित्सकों ने शव तीन-चार दिन पुराना होने की पुष्टि की है।
पुलिस के अनुसार लोगों ने गेटवे होटल के पीछे रविवार को एक कंकाल, खोपड़ी और कमर से नीचे का हिस्सा अलग-अलग पड़े होने की सूचना दी। फोरेन्सिक विभाग के अध्यक्ष डॉ. गणेश गोवेकर ने बताया कि शव चालीस से पैंतालीस साल के व्यक्ति का होने का अनुमान है।
खोपड़ी का हिस्सा कमर के हिस्से से दूर मिला। शव तीन-चार दिन पुराना है। दोनों से डीएनए के नमूने लेकर फोरेन्सिक लैब भेजे गए है। उसकी रिपोर्ट के बाद पुलिस आगे जांच करेगी।