सिलवासा. स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी के बाद विक्रेता खाद्य सामग्री परोसने एवं पैकट्स में अखबारी कागज का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्लास्टिक की थैलियां बद होने से विक्रेताओं ने रद्दी अखबार के कागज का उपयोग आरम्भ कर दिया है। चायनीज लॉरियों, पानी पूरी की स्टॉल, चाय-भजीया, चाट समोसे की दुकानों पर रद्दी अखबार का उपयोग हो रहा है।
प्लास्टिक पर प्रतिबंध से रद्दी अखबारी कागज के भाव बढ़ गए हैं। चाय लॉरी, स्टॉल, पानी-पूरी के अलावा होटल, रेस्टोरेंट, भोजनालयों में रद्दी अखबार की मांग बढ़ गई है। सड़कों पर चाट-मसाला, पानी-पूरी, पाव-भजिया व चायनीज लारियों पर ग्राहकों को खाद्य सामग्री अखबार की कतरनों में परोसी जाती हैं। स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस कुमार ने बताया कि अखबारी कागज और उसमें इस्तेमाल की गई स्याही में खतरनाक केमिकल मौजूद रहते हैं। यह केमिकल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अखबारी कागज में प्रयुक्त खाद्य सामग्री में भी स्याही के केमिकल आ जाते हैं। अखबार के कागज में खाद्य सामग्री परोसना व पैकेट्स पर प्रतिबंध है। अखबार का कागज और स्याही दोनों ही सेहत को बिगाड़ सकते हैं।