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सूरत

केबिल का स्ट्रैस रिलीज, गर्डर फेल

बड़ा हादसा टला…, सरदार ब्रिज के एक्सटेंशन का मामला, सूचना मिलते ही ब्रिज सेल की टीम मौके पर, जान का नुकसान नहीं

सूरतAug 11, 2018 / 09:51 pm

विनीत शर्मा

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केबिल का स्ट्रैस रिलीज, गर्डर फेल

सूरत. अठवागेट से अडाजण को जाने वाले सरदार ब्रिज के एक्स्टेंशन के हिस्से में शनिवार को बड़ा हादसा होते-होते बचा। टैस्टिंग के दौरान केबिल का स्ट्रैस रिलीज होने के कारण गर्डर फेल हो गया। सूचना मिलते ही ब्रिज सेल की टीम मौके पर पहुंच गई और स्थिति का जायजा लिया। कोई जनहानि नहीं होने से मनपा प्रशासन ने राहत की सांस ली।
ट्रैफिक के बढ़ते दबाव को देखते हुए मनपा प्रशासन इन दिनों सरदार ब्रिज के एक्सपेंशन का काम करा रहा है। अडाजण से अठवागेट की ओर के हिस्से को एक्सटेंड कर पहले ही खोला जा चुका है। अब अठवागेट से अडाजण की ओर जाते हिस्से के एक्सपेंशन का काम चल रहा है। शनिवार दोपहर करीब दो बजे अडाजण में स्वामीनारायण मंदिर के समीप गर्डर लगाया जाना था। इससे पहले कि गर्डर फिट होता, वह एक ओर को झुक गया। सूचना मिलते ही कार्यपालक अभियंता अक्षय पंड्या समेत ब्रिज सेल के अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच गई। सिटी इंजीनियर भरत दलाल भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। सूचना पर मौके पर पुलिस टीम भी पहुंच गई।
अधिकारियों ने बताया कि गर्डर को तैयार कर स्टै्रस टैस्टिंग के लिए रखा गया था। किसी केबल में स्ट्रैस रिलीज होने के कारण यह फेल हो गया। गर्डर को तैयार कर ऑब्जर्वेशन के लिए रखा गया था। आमतौर पर ऐसा होता नहीं है, लेकिन इस बार टैस्टिंग के दौरान गर्डर फेल हो गया। अब इसे हटाकर दूसरा गर्डर लगाया जाएगा। इसे हटाने में भी मनपा को करीब १५ दिन लगेंगे।
यह है सिस्टम

किसी भी गर्डर को तैयार कर मैच्योरिटी डेट तक छोड़ दिया जाता है। यह गर्डर दो-तीन दिन पहले ही मैच्योर हो गया था। उसके बाद स्टै्रस कर २४ घंटे के लिए ऑब्जर्वेशन पर रखा जाता है। इस दौरान यदि गर्डर स्ट्रैस टैस्ट मेंं पास हो जाता है तो उसे फिट कर दिया जाता है। सरदार ब्रिज के एक्सपेंशन के गर्डर में फिटिंग से पहले ही ऑब्जर्वेशन के दौरान यह फेल हो गया। इसे टुकड़ों में तोड़कर हटाया जाएगा।
जांच के बाद पता चलेगी असल वजह

अधिकारियों की मानें तो शुरुआत में केबिल के स्ट्रैस रिलीज होने की आशंका दिख रही है। जांच के बाद ही मालूम पड़ेगा कि स्ट्रैस फेल हुआ है या फिर केबिल लगाते समय लॉक निकल गया है। मनपा प्रशासन को अब कंसलटेंट की रिपोर्ट का इंतजार है। इसके बाद ही असली वजह पता चलेगी। अधिकारियों के मुताबिक अडाजण से अठवागेट की ओर के एक्सपेंशन के डिजाइन पर ही इसे तैयार किया जा रहा है। उस रूट पर ट्रैफिक चल रहा है, ऐसे में डिजाइन की खामी नहीं हो सकती।
न वक्त बिगड़ेगा न पैसा

मनपा प्रशासन के मुताबिक इस गड़बड़ से मनपा को कोई नुकसान नहीं होगा। गर्डर के फेल होने का खामियाजा संबंधित ठेकेदार को ही भुगतना होगा। मनपा प्रशासन ने ठेकेदार फर्म को ब्रिज के एक्सपेंशन का काम पूरा करने का ठेका दिया है। साथ ही एक गर्डर के फेल होने से काम पूरा होने में लगने वाले समय पर भी असर नहीं पड़ेगा। अभी करीब दो दर्जन गर्डर लगाए जाने बाकी हैं।
याद आ गया अठवालाइंस का हादसा

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जैसे ही लोगों को खबर मिली कि टैस्टिंग के दौरान सरदार ब्रिज का गर्डर खिसक गया है, लोगों को 10 जून 2014 को हुआ अठवालाइंस ब्रिज ढहने का हादसा याद आ गया। ब्रिज का एक हिस्सा निर्माणाधीन हालत में गिर गया था। उस हादसे में ब्रिज के नीचे काम कर रहे दस लोगों की मौत हो गई थी। ब्रिज का वह हिस्सा उस वक्त गिरा था, जब शटरिंग हटाई जा रही थी। शनिवार को गर्डर हिलने के मामले में कोई जनहानि नहीं हुई।

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