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सूरत

TOKYO OLYMPIC 2021 : चक दे..हो चक दे..इंडिया, पदकों से झोली भरने की उम्मीद

– टोक्यों नहीं जा पाए तो ऑलिम्पक की ओपनिंग सेरेमनी देखने टीवी से चिपके खेल प्रेमी

सूरतJul 24, 2021 / 10:44 am

Dinesh M Trivedi

TOKYO OLYMPIC 2021 :  चक दे..हो चक दे..इंडिया, पदकों से झोली भरने की उम्मीद

TOKYO OLYMPIC 2021 : चक दे..हो चक दे..इंडिया, पदकों से झोली भरने की उम्मीद

दिनेश एम. त्रिवेदी

सूरत. टोक्यो ऑलम्पिक – 2021 की शुरुआत के साथ ही सूरत ही नहीं, समूचे भारत में एक बार फिर उम्मीदें परवान चढऩे लगी है और चक दे इंडिया वाली फिलिंग हर खेल प्रेमी के चेहरे पर नजर आ रही है। सोशल मीडिया में भी इस खेल महाकुंभ के प्रति भारतीय खेल प्रेमियों का जज्बा साफ झलक रहा हैं और इस बार पदकों से झोली भरकर टीम इंडिया के लौटने की उम्मीद की जा रही है।
इस बार ऑलम्पिक में हिस्सा ले रहे भारतीय दल में 126 एथलीट शामिल है। जो 18 प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे। शुक्रवार शाम जापान की राजधानी टोक्यो में ऑलम्पिक का आगाज देखने के लिए सूरत में खेल प्रेमी टीवी से चिपक गए तो कई मोबाइल पर सीधा प्रसारण देख रहे थे। शहर के कई खेलप्रेमी इस खेल महाकुंभ को देखने व टीम इंडिया का जज्बा बढ़ाने के लिए टोक्यो जाना भी चाहते थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते दर्शकों पर रोक होने के कारण वे जापान नहीं जा पाए।
सूरत में खेलों के पुरोधा कहे जाने वाले कुश्ती के पूर्व खिलाड़ी जयंतभाई शुक्ल ने बताया कि गुरु पुर्णिमा होने के कारण शिष्यों ने कई जगह गुरुओं के सम्मान के लिए कार्यक्रम आयोजित किए थे। शाम को दो- तीन जगहों पर आमंत्रित किया गया था, लेकिन ऑलम्पिक की ओपनिंग सेरेमनी होने के कारण उन्होंने मना कर दिया था।
उन्होंने बताया कि इस बार ऑलम्पिक की राह आसान नहीं हैं। कोरोना की वजह से खिलाडिय़ों को मन मुताबिक तैयारी का मौका ही नहीं मिला। सिर्फ भारतीय खिलाडिय़ों के साथ ही नहीं और भी कई देशों के साथ हुआ है। वहीं, जिन देशों में कोरोना अधिक प्रभावी नहीं रहा उन्हें कुछ फायदा मिल सकता है। इस बार कुछ देश तो हिस्सा ही नहीं ले रहे हैं। उम्मीदें तो हर खिलाड़ी से है, लेकिन कुश्ती, बैटमिंटन और मुक्केबाजी में कुछ अधिक है।
खेल प्रशिक्षक किरीट कहार ने बताया कि उम्मीदें लगातार बढ़ रही हैं। पिछले कुछ वर्षो में सरकार ने नीति में जो बदलाव किया है। उससे खिलाडिय़ों में जोश और जूनून बढ़ा है। खेलों की सुविधाएं भी लगातार बढ़ रहीं हैं। प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को नकद पुरस्कार और नौकरियों से सम्मानित किया जा रहा हैं। कई खिलाड़ी विदेशों में भी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन वजहों से ऑलम्पिक दल में खिलाडिय़ों की संख्या बढ़ रही है। अधिक खिलाड़ी क्वालीफाई कर रहे तो निश्चित रूप से पदकों की संख्या भी बढ़ेगी।
टेबल टेनिस एसोसिएशन के अमित चौक्सी ने बताया कि इस बार इंडिया डबल डिजिट में जुरूर पहुंचेगा। मुझे लगता हैं कि इस बार कोरोना की मुश्किलों के बावजूद खिलाडिय़ों ने अच्छी तैयारी की है।उम्मीद हैं उनकी मेहनत और हमारी प्रार्थनाएं जरूर रंग लाएगी। उन्होंने इस बार गुजरात से छह महिला खिलाडिय़ों ने क्वालिफाई किया हैं जो बड़ी बात हैं। मुझे उम्मीद है कि एक पदक तो इन महिला खिलाडिय़ों खासकर टेबल टेनिस में भाविना या सोनल में से कोई एक जरूर हमारे देश को दिलाएगी।

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