9 फरवरी को कड़ोदरा के निकट चलथाण के पास खाड़ी किनारे अवैध रूप से जहरीला केमिकल भरे टैंकर को खाली करते समय दो लोगों की मौत हो गई थी। मामले की जांच के दौरान भरुच जिले की झगडिय़ा जीआइडीसी की प्रहरी पिग्मेंट एलएलपी से जहरीला केमिकल भरकर कड़ोदरा में खाली करने आया था। जिसको लेकर 25 फरवरी को मामला दर्ज कराया गया था। इस दौरान 15 फरवरी को गुजरात सरकार, भारत सरकार और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली को इस मामले में एस.एच. शेख द्वारा शिकायत की गई थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा सुओमोटो केस किया गया। इस केस की 26 सितंबर को सुनवाई की गई। जिसमें ट्रिब्यूनल ने आदेश अंतरिम नुकसान के रूप में उत्पादक कमोनी और ट्रांसपोर्टर को 50 लाख रुपए जीपीसीबी में जमा करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान सूरत जिला कलक्टर, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त जांच के एक्शन टेकन रिपोर्ट को कोर्ट ने ध्यान में रख फैसला सुनाया।