वर्ग ए में पहली और दूसरी कक्षा के प्रतिभागियों ने माइ फैमिली विषय पर अपने भाव उकेरे जबकि कक्षा पांच तक के प्रतिभागियों ने सेव ट्री सेव अर्थ और कक्षा आठ तक के प्रतिभागियों ने माइ ड्रीम फॉर तापी रिवर विषय पर अपना विजन सामने रखा। कक्षा छह से आठ तक के प्रतिभागियों ने माइ ड्रीम फॉर तापी रिवर पर प्रयोगात्मक कल्पनाएं उकेरीं। कुछ बच्चों ने तापी नदी को पैरेलल ट्रांसपोर्टेशन के विकल्प के रूप में देखा। तापी के दोनों किनारों पर फॉरेस्टेशन के साथ ही नदी में नाव और मोटरबोट की सवारी करते लोग दिखे तो किसी की नाव कश्मीर की झील में तैर रहे शिकारे का प्रतिरूप बन लोगों को जल यातायात की सहूलियत मुहैया कराती दिखी।
एक बच्चे ने तो तापी के मौजूदा स्वरूप और सुनहरे भविष्य की कल्पना करती तापी नदी की तस्वीर सामने रख दी। कुछ बच्चों ने तापी के आसपास के नजारे को खूबसूरत बनाते हुए उसे जीवन की जरूरत से जोड़ दिया।
कुछ इसी तरह की चित्रकारी पर्यावरण के सरोकारों से जुड़ी दिखी। बच्चों ने खत्म होते पेड़ों और धरती के संकट की व्यथा कागजों पर उकेर दी। उनकी पेंटिंग्स ने हरियाली को बचाने के संकेत के साथ ही इसे भविष्य की जरूरत के रूप में देखा, जिससे कि ग्रीन कवर को बढ़ाया जा सके।
बच्चों की पेंटिंग्स की खास बात यही थी कि चित्रकारी के साथ ही वे पर्यावरणीय जरूरत के प्रति जागरुकता का संदेश भी दे रही थीं। दो घंटे चली इस प्रतियोगिता में कक्षा दो तक के बच्चे ड्राइंगशीट पर अपने परिवार के सपनों को साकार करने में जुटे रहे।
सभी प्रतिभागियों को दिए प्रमाण-पत्र बृज मंडल की ओर से दीपिका अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न वर्गों में विजेताओं के नाम आगामी अंक में प्रकाशित किए जाएंगे। इन विजेताओं को ११ सितंबर को अग्रसेन भवन में आयोजित कवि सम्मेलन में प्रमाणपत्र व पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। प्रतियोगिता स्थल पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र और पुरस्कार दिए गए।