दूसरी लहर के नियंत्रण में आते ही संघ प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां शुरू हुई हैं, लेकिन व्यवसाय ठप सा है। बाजार खुले हैं, परन्तु ग्राहकी नहीं है। व्यापार अटका हुआ है और चलता दिख भी रहा है। नए ऑर्डर बहुत कम आ रहे हैं, जिससे सप्लाय कम हो रही है। जिस किसी को ऑर्डर मिल रहे हैं, उसमें ज्यादातर माल उधार में जा रहा है।
व्यापारी कहते हैं कि अब तो उधार ही आधार है, वरना चौपट व्यापार है। कोई भी व्यापारी कैश में खरीदने के हाल में नहीं हैं। कैश में लेनदेन नहीं हो तो पुरानी उधारी डूबने का खतरा है। कोरोना संकट ने सबकी आर्थिक स्थिति बिगाड़ कर रख दी है। मेटल, ज्वेलरी, कपड़ा, गारमेंट, हार्डवेयर आदि कारोबार ठप हो गए हैं। उद्योग नगरी दादरा नगर हवेली का मुंबई, सूरत सहित पूरे देशभर से कारोबार जुड़ा है। जिले में बड़े पैमाने पर सभी क्षेत्रों के कारोबार फैले हुए हैं। इसमें वस्त्र, मार्बल, इंजीनियरिंग, रसायन, कॉस्मेटिक, प्लास्टिक, कागज, कांच, स्टील, एल्यूमिनियम, फूड मैन्यूफैक्चरिंग के बड़े उद्योग भी शामिल हैं। कोरोना संकट से उनकी दिक्कतें कम होने की बजाय बढ़ती जा रही हैं। सरकार ने डिजिटलाइजेशन के साथ बैंकों पर सख्ती कर दी, जिसके चलते बैंक कारोबारियों को ऋण देने में आनाकानी कर रहे हैं।