उद्योगपतियों के अनुसार उद्योगपतियों के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर की दस्तक के साथ प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य पलायन कर गए, ऐसे में कई सेक्टर को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। कारोबारी दिनेश अग्रवाल का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से मजदूर घर क्या गए, उससे कई उद्योगों की जैसे रफ्तार ही थम गई है। कुछ जगह तो आधे-अधूरे तरीके से काम हो रहा है तो कहीं काम पूरी तरह अटक गया है। जून में पाबंदियों में राहत मिली है, जिससे बड़ी मात्रा में ऑर्डर मिल रहे हैं, लेकिन उतना प्रॉडक्शन नहीं हो पा रहा है। लोहा-इस्पात, यार्न, केमिकल, इंजीनियरिंग, मार्बल, प्लास्टिक, पैकेजिंग कंपनियों में मजदूरों की किल्लत सता रही है। साफ है कि औद्योगिक सेक्टर से जुड़े सेक्टर ने कोरोना की पहली लहर में गत वर्ष बड़े पैमाने पर हुए मजदूरों के पलायन से कोई सबक नहीं सीखा है। दूसरी लहर में भी मजूदरों की वहीं पुराने हालातों से गुजरना पड़ रहा है। महामारी के दौरान कईयों को सरंक्षण नहीं मिला तो घर लौटते समय कई मजदूरों को उनका मेहनताना नहीं मिला।