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सूरत में कोरोना मरीजों की रिकवरी दर तेजी से बढ़ी, राष्ट्रीय दर से 6 प्रतिशत अधिक

– अनलॉक-3.0 के पहले सप्ताह में नए मरीजों की तुलना में स्वस्थ होने वाले अधिक
– शहर में मरीजों की रिकवरी दर उच्चतम 74 प्रतिशत, राष्ट्रीय दर 67.62 प्रतिशत

सूरतAug 09, 2020 / 10:52 pm

Sanjeev Kumar Singh

सूरत में कोरोना मरीजों की रिकवरी दर तेजी से बढ़ी, राष्ट्रीय दर से 6 प्रतिशत अधिक

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संजीव सिंह @ सूरत.

अनलॉक-3.0 में शहर में कोरोना मरीजों के भर्ती होने के तुलना में अस्पताल में दाखिल पॉजिटिव मरीजों के स्वस्थ होने के आंकड़े अब तेजी से बढ़े हैं। जिसके चलते शहर में रिकवरी रेट अच्छा हुआ है। गुजरात अब तक मिले पॉजिटिव मरीजों के मामले में 10वें तथा मृत्यु के मामले में 5वें नम्बर पर है। देश में कोरोना मरीजों की राष्ट्रीय रिकवरी दर 67.62 प्रतिशत है। वहीं सूरत की बात करें तो अगस्त के पहले सप्ताह में कुल 1538 कोरोना मरीज स्वस्थ हुए हैं। जिससे रिकवरी रेट 74 प्रतिशत सर्वाधिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
शहर में लॉकडाउन-1.0 से 4.0 तक कोरोना मरीजों की संख्या सिर्फ 1607 और 70 मरीजों की मौत हुई थी। अनलॉक-1.0 में 3106 कोरोना मरीज मिले, जिसमें 108 की मृत्यु हुई थी। अनलॉक-2.0 में सर्वाधिक 6,263 मरीज मिले, उनमें से 316 की मौत हुई थी। लेकिन अब अनलॉक-3.0 में स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिल रहा है। हालांकि यह कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अगस्त के पहले सप्ताह में कुल 1369 पॉजिटिव मिले हैं। वहीं, इनके सामने अस्पताल से 1538 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे हैं।

इस तरह बढ़ा रिकवरी रेट

अनलॉक-2.0 के आखिरी दिन सूरत में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 69 प्रतिशत था, जो 5 अगस्त को बढक़र 70 प्रतिशत और 7 अगस्त को बढक़र 74 प्रतिशत हो गया। शहरी क्षेत्र में अब तक 12,345 कोरोना मरीज मिले, जिसमें 534 की मौत हुई है। अब तक 9094 कोरोना मरीजों को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दी गई है। हाल में एक्टिव केसों की संख्या 2,717 है।
शहर में कोरोना मरीजों की पॉजिटिविटी दर 22 प्रतिशत और मृत्युदर 4.3 प्रतिशत है। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना मरीजों की मृत्युदर सिर्फ 2.07 प्रतिशत है। गौरतलब है कि, धनवंतरी रथ और अर्बन हैल्थ सेंटरों पर रैपिड टेस्ट की संख्या बढऩे से ज्यादातर संदिग्ध मरीजों को होम आइसोलेशन में उपचार दिया जा रहा है। रैपिड टेस्ट में पॉजिटिव आने वाले कोरोना मरीजों को रिकार्ड में शामिल नहीं किया जाता है, लेकिन इस प्रयोग से गंभीर मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में भारी कमी आई है।
गुजरात 10वें और मृत्यु में 5वें नम्बर पर

देश में सबसे अधिक महाराष्ट्र में 4,90,262 मरीज, तमिलनाडु में 2,85,024 मरीज, आंध्रप्रदेश में 2,06,960 मरीज, कर्नाटका में 1,64,924 मरीज, दिल्ली में 1,2,723 मरीज, उत्तरप्रदेश में 1,13,378 मरीज, पश्चिम बंगाल में 89,666 मरीज, तेलंगाना में 77,513 मरीज, बिहार में 71,304 मरीज और गुजरात में 68,768 मरीज पॉजिटिव मिले हैं। कोरोना से सर्वाधिक मौत महाराष्ट्र में 17,092, तमिलनाडु में 4,690, दिल्ली में 4,082, कनार्टका में 2,998, गुजरात में 2,605, उत्तरप्रदेश में 1,981, पश्चिम बंगाल में 1,954, आंध्रप्रदेश में 1,842, तेलंगाना में 615 और बिहार में 369 गंभीर मरीज की मौत हुई है।

रिकवरी रेट बढऩे के प्रमुख कारण-
– मनोचिकित्सक करते हैं काउंसलिंग : कोविड-19 अस्पताल और समाज के सीसीआइसी में भर्ती मरीजों की मानसिक स्थिति मजबूत बनी रहे इसलिए चिकित्सक काउंसलिंग करते हैं। इलाज के अन्य प्रयोग से मरीज में सकारात्मक बदलाव आता है और वह जल्दी स्वस्थ होकर घर लौट जाता है।

– सांस्कृतिक, आध्यात्मिक मनोरंजन : कोविड आइसोलेशन सेंटर में मरीजों को मानसिक रुप से स्वस्थ रखने के लिए एलइडी टीवी पर चैनलों के विविध कार्यक्रम, मनपसंद सांस्कृतिक कार्यक्रम, आध्यात्मिक, डायरा प्रोग्राम आदि का प्रसारण किया जाता है।
– व्यायाम और योग से ध्यान : कोरोना मरीजों को नियमित व्यायाम और योग करवाने की व्यवस्था की गई है। इससे शरीरिक क्रियाएं अच्छे से संचालित होती है।

– रिलेक्सेसन म्यूजिक थैरेपी भी : स्मीमेर अस्पताल में कोरोना मरीजों की मानसिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव के लिए रिलेक्सेसन म्यूजिक थैरेपी दी जाती है।
– प्रोन थैरेपी : स्मीमेर अस्पताल में कोरोना मरीजों को प्रोन थैरेपी में पेट के बल काफी समय तक लेटना होता है। इससे फेफड़े में ऑक्सीजन आसानी से पहुंचता है और मरीज की स्थिति गंभीर नहीं होती।

ऐसे बड़ा स्वस्थ होने का आंकड़ा (न्यू सिविल/स्मीमेर)

दिनांक- मरीज स्वस्थ

7 अगस्त- 183- 309

6 अगस्त- 184- 304

5 अगस्त- 187- 263

4 अगस्त- 194- 181

3 अगस्त- 198- 151
2 अगस्त- 209- 189

1 अगस्त- 214- 141

कुल- 1369- 1538

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