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सूरत

जोखिम भरा है कोजवे को पार करना

नौ दिन से बंद है आवागमन, 15 किमी घूमकर आ रहे हैं लोगचार साल में छह से अधिक लोग गंवा चुके हैं जानकोजवे ऊंचा करने की मांग पर सांसद एवं विधायक ने नहीं दिया ध्यान

सूरतJul 19, 2018 / 09:23 pm

सुनील मिश्रा

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जोखिम भरा है कोजवे को पार करना


खेरगाम. खेरगाम तहसील में औरंगा नदी पर नादाई भैरवी गांव के पास बने कोजवे को बरसात में पार करना जोखिम भरा है। कुछ देर की बरसात में ही कोजवे पानी में डूब जाता है। भारी बरसात के कारण कोजवे के ऊपर से पानी बह रहा है और नौ दिन से कई गांव के लोगों को 15 किमी का चक्कर काटकर आवागमन करना पड़ रहा है। कोजवे से नवसारी और वलसाड के कई गांवों के बीच संपर्क बना रहता है। ग्रामीणों ने कई बार कोजवे को ऊंचा करने की मांग विधायक और सांसद से की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
वलसाड जिले के मरला, कापरिया, कांजणहरी, कांजण रणछोड़, दुलसाड, बारसोल सहित कई गांव खेरगाम के नजदीक होने से स्कूल, अस्पताल और नौकरी धंधे पर जाने के लिए रोजाना हजारों लोगों को इस कोजवे से आना जाना पड़ता है। खेरगाम तहसील के लोग भी इसी कोजवे से वापी, दमण के लिए आते जाते हैं। मरला से खेरगाम पांच किमी और वलसाड 25 किमी की दूरी पर है। इसके कारण बीमारी से लेकर पढ़ाई या खरीदारी के लिए लोग खेरगाम की तरफ ही रुख करते हैं। इन दिनों कोजवे के ऊपर से पानी बहने के कारण छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। पानी के तेज बहाव के बीच मजबूरी में लोग कोजवे पार करने का जोखिम लेते हैं। गत वर्ष इस कोजवे को पार करने के प्रयास में युवक कार के साथ बह गया था। उसका शव तीन दिन बाद पीठा गांव से मिला था। दो वर्ष पूर्व एक दंपती भी बेटी के साथ बह गया था। इसमें पति तो बच गया, लेकिन मां और बेटी की मौत हो गई थी। चार साल में छह से ज्यादा लोग इस कोजवे को पार करने के प्रयास में जान गंवा चुके हैं। इसके बावजूद सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए। दो जिले के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण इस कोजवे को ऊंचा करने या सुरक्षा के उपाय करने में वलसाड और नवसारी जिले के जनप्रतिनिधियों और सरकारी अमले की उदासीनता से हर साल हजारों लोग परेशानी भुगतते हैं।

चेतावनी लगाने तक सीमित
नवसारी मार्ग एवं मकान विभाग ने सौ मीटर तक पानी की सतह बताने वाले चेतावनी बोर्ड को लगाकर पल्ला झाड़ लिया है। यह भी इतना दूर लगा है कि पुल पर कितना पानी है, यह पता नहीं चल पाता। इससे दुर्घटनाएं होती रहती हैं। मरला गांव के सरपंच उत्तम भाई पटेल ने बताया कि दो जिले के लोगों के लिए यह कोजवे बहुत उपयोगी है। पुल के पानी में डूबने से लोगों को बीमार होने पर वलसाड या धरमपुर 25 किमी तक घूमकर जाना पड़ता है। छात्रों को भी बहुत परेशानी होती है। नेता लोग चुनाव में वादा करने के बाद मुकर जाते हैं। गांव के धर्मेश जयसिंह पटेल ने शिकायत में कहा कि 20 साल से खेरगाम में व्यापार करने आता हूं। बरसात में नादाई मरला को जोडऩे वाले कोजवे के उपर से पानी बहने से बहुत परेशानी होती है। कई किमी घूमकर आने जाने में समय और रुपया दोनों व्यय होता है।
वलसाड जिला प्रशासन की जिम्मेदारी
नादाई से मरला को जोडऩे वाला पुल वलसाड जिले में आता है। पुल निर्माण की जिम्मेदारी वलसाड जिला प्रशासन को लेनी चाहिए। गणदेवी का विधायक होने के चलते पुल निर्माण में जो भी सहयोग जरूरी होगा, दिया जाएगा।
नरेश पटेल, विधायक गणदेवी

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