चेतावनी लगाने तक सीमित
नवसारी मार्ग एवं मकान विभाग ने सौ मीटर तक पानी की सतह बताने वाले चेतावनी बोर्ड को लगाकर पल्ला झाड़ लिया है। यह भी इतना दूर लगा है कि पुल पर कितना पानी है, यह पता नहीं चल पाता। इससे दुर्घटनाएं होती रहती हैं। मरला गांव के सरपंच उत्तम भाई पटेल ने बताया कि दो जिले के लोगों के लिए यह कोजवे बहुत उपयोगी है। पुल के पानी में डूबने से लोगों को बीमार होने पर वलसाड या धरमपुर 25 किमी तक घूमकर जाना पड़ता है। छात्रों को भी बहुत परेशानी होती है। नेता लोग चुनाव में वादा करने के बाद मुकर जाते हैं। गांव के धर्मेश जयसिंह पटेल ने शिकायत में कहा कि 20 साल से खेरगाम में व्यापार करने आता हूं। बरसात में नादाई मरला को जोडऩे वाले कोजवे के उपर से पानी बहने से बहुत परेशानी होती है। कई किमी घूमकर आने जाने में समय और रुपया दोनों व्यय होता है।
वलसाड जिला प्रशासन की जिम्मेदारी
नादाई से मरला को जोडऩे वाला पुल वलसाड जिले में आता है। पुल निर्माण की जिम्मेदारी वलसाड जिला प्रशासन को लेनी चाहिए। गणदेवी का विधायक होने के चलते पुल निर्माण में जो भी सहयोग जरूरी होगा, दिया जाएगा।
नरेश पटेल, विधायक गणदेवी