सूरत, नवसारी, सिलवासा, डांग, भरुच और वलसाड जिलों में पिछले एक सप्ताह से भारी बारिश हो रही है। कई जिलों में बाढ़ के हालात हैं। सोमवार को नवसारी में 102 मिमी, गणदेवी में 175 मिमी, खेरगांव में 150 मिमी, चिखली में 142 मिमी और वांसदा में 122 मिमी बारिश दर्ज हुई। कावेरी नदी पर बना जूज और केलिया बांध ओवरफ्लो होने के कगार पर है। इसके चलते आस-पास के गांवों में अलर्ट किया गया है। डांग में हो रही भारी बारिश के कारण अंबिका नदी उफान पर है। नदी का जलस्तर 21 मीटर पहुंचने से कई मुख्य मार्गों पर पानी भर गया है।
गणदेवी से अमलसाड़ जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया है। सिलवासा के मधुबन डेम में पानी की आवक बढऩे से सोमवार को 9 दरवाजे 4.5 मीटर ऊंचाई तक खोल दिए गए। दमणगंगा नदी में सवेरे एक लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। नदी का जलस्तर बढ़ते ही अथाल और पिपरयिा में बहने वाली खाडिय़ां खतरे के निशान पर बहने लगी। शहर में पिछले 24 घंटे में 127 मिमी तथा खानवेल अंचल में 199.4 मिमी बारिश हुई है।
वलसाड-मुंबई नेशनल हाइवे पर भरा पानी
वलसाड जिले में औरंगा नदी का ब्रिज पानी में डूब गया। वलसाड से मुंबई की ओर जाने वाले नेशनल हाइवे पर पानी भर गया है। कई निचले इलाकों में पानी घुस गया है। वलसाड-गुदलाव का मार्ग बंद होने से 20 गांवों से वलसाड का सम्पर्क टूट गया। धरमपुर और कपराड़ा तहसीलों में भी बारिश के चलते वलसाड का तरीवाड़, काश्मीर नगर और वलसाड पारडी से लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वाकी नदी के पुल पर पानी भर जाने से आवाजाही बंद कर पुलिस तैनात कर दी गई है। पिछले चौबीस घंटों में वलसाड में 16 8 मिमी, पारड़ी में 211 मिमी, वापी में 16 6 मिमी, उमरगाम में 91 मिमी, धरमपुर में 154 मिमी और कपराड़ा में 237 मिमी बारिश हुई है।
लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
नवसारी में लगातार बारिश होने के कारण अंबिका नदी का जलस्तर बढऩे से निचले इलाकों में पानी भर गया है। इस वजह से राजीवनगर में 72, अमीधारा हलपतिवास से 41, चिखली के हरण गांव के 150 मिलाकर कुल 26 3 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। ओलपाड़ की शांतिनगर सोसायटी के 210 लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।