प्लास्टिक के खिलाफ अभियान के तहत 50 एमएम से कम की प्लास्टिक थैलियां पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। साथ ही कोशिश यह है कि धीरे-धीरे बाजार में प्लास्टिक की थैलियों को पूरी तरह चलन से बाहर कर दिया जाए। इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए मनपा प्रशासन ने शहर में प्लास्टिक की थैलियों को लेकर नई नीति तय की है। इसके तहत 50 एमएम से अधिक की प्लास्टिक थैलियों के कारोबार से किसी तरह भी जुड़े लोगों को मनपा के नेट में लाया जाएगा। इसके लिए प्लास्टिक थैली के निर्माण से जुड़े, उनकी बिक्री से सीधे तौर पर जुड़े और शहर में प्लास्टिक थैलियों के डीलर-सब डीलरों को मनपा में पंजीकरण कराना होगा। मनपा प्रशासन ने इस प्रस्ताव को स्थाई समिति को भेजा था।
शुक्रवार को हुई समिति की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए तय हुआ कि यह पंजीकरण महात्मा गांधी की जयंती २ अक्टूबर तक निशुल्क किया जाएगा। उसके बाद पंजीकरण कराने वालों से पंजीकरण शुल्क वसूला जाएगा, जिसे स्थाई समिति आगामी दिनों में तय करेगी। इस बीच 50 एमएम से कम की प्रतिबंधित प्लास्टिक थैलियों पर वर्ष 2015 के नियमों के तहत दंड की वसूली जारी रहेगी।
मगदल्ला में प्रस्तावित वीयर कम कोजवे के प्रस्ताव पर भी समिति की बैठक में चर्चा की गई। मनपा प्रशासन पहले यहां बलून बैराज बनाने जा रहा था। गेरी की निगेटिव रिपोर्ट के बाद उस प्रस्ताव को ड्रॉप कर मनपा प्रशासन ने कन्वेंशनल बैराज बनाने का निर्णय किया है। इस प्रस्ताव को भी मंजूरी के लिए स्थाई समिति के एजेंडे पर लिया गया था। समिति ने बैठक में चर्चा के दौरान तय किया कि पूरे मामले के तकनीकी पहलुओं को समझना जरूरी है। अब कन्वेंशनल बैराज के लिए प्रजेंटेशन के बाद ही मनपा इस पर आगे बढ़ेगी।
मनपा प्रशासन के मुताबिक यह प्रजेेंटेशन समिति की आगामी बैठक में दिया जा सकता है। बैठक में एजेंडे में शामिल सूरत को खुले में शौच मुक्त बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। साथ ही रशिया के याकुत्सक शहर को सूरत की सिस्टर सिटी बनाने के प्रस्ताव समेत एजेेंंडे पर लिए गए अन्य कामों को भी मंजूरी दी गई। समिति प्रमुख अनिल गोपलाणी ने बताया कि याकुत्सक के साथ सूरत के रिश्ते कारोबारी ही नहीं सांस्कृतिक आदान-प्रदान में भी अहम भूमिका निभाएंगे।