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सूरत

डिजीटल प्रिन्टींग टैक्सटाइल इन्डस्ट्री की आवश्यकता

चैम्बर ऑफ कॉमर्स में फ्यूचर ऑफ टैक्सटाइल पर चर्चा का आयोजन

सूरतApr 17, 2019 / 08:38 pm

Pradeep Mishra

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डिजीटल प्रिन्टींग टैक्सटाइल इन्डस्ट्री की आवश्यकता

सूरत
टैक्सटाइल इन्डस्ट्री के भविष्य के लिए डिजीटल प्रिन्टींग आवश्यक है। इससे प्रदूषण और मानवश्रम की समस्या कम होगी। डिजीटल प्रिन्टींग के लिए बड़ी मशीने सूरत में आ रही है। ऐसा टैक्सटाइल इन्डस्ट्री के जानकार वैभव कनोडिय़ा ने कहा।
चैम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से बुधवार को फ्यूचर ऑफ टैक्सटाइल पर आधारित चर्चा के दौरान कनोडिय़ा ने कहा कि टैक्सटाइल इन्डस्ट्री में जानकारी के अभाव के कारण समस्या होती है। कई लोग बिना जानकारी के धंधा शुरू कर देते हैं। उन्होनें कहा कि कन्वेन्शनल प्रिन्टिंग में 35 कलर होते हैं, लेकिन डिजीटल प्रिन्टींग में सिर्फ 4 कलर चाहिए। प्रिन्टींग के लिए पहले कपड़े की आवश्यकता पड़ती थी, बाद में कागज और अब नंबर की आवश्यकता होती है। कन्वेन्शनल धीरे-धीरे बंद हो जाएंगे। डॉ.बंदना भट्टाचार्य ने कहा कि चीन के बाद भारत की गारमेन्ट इन्डस्ट्री दूसरे नंबर पर है। सूरत के उद्यमियों को विदेशी धन कमाने के लिए गारमेन्ट इन्डस्ट्री के बारे में सोचना चाहिए। समय के साथ बदलती फैशन के अनुरूप कपड़े तैयार करना पड़ेगा। कपड़ा उद्योग के जानकार अमरीष भट्ट ने कहा कि यदि हमे आगे बढऩा है तो क्वान्टिटी पर नहीं क्वॉलिटी पर ध्यान देना पड़ेगा। ओवर प्रोडक्शन के कारण मंदी की समस्या होती है। कपड़ा मशीन उद्यमी रजनीकांत बचकानी वाला नेकहा कि सूरत के कपड़ा उद्यमियों को एपरेल की दिशा में बढऩा चाहिए। हमे नई टैक्नोलॉजी की ओर बढना चाहिए। कपड़ा उद्यमी गिरधर दोपाल मूंदड़ा ने सूरत के उद्योग के विकास के लिए गारमेन्ट और नई टैक्नोलॉजी का महत्व बताया।

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