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सूरत

COVID SIDE EFFECTS : कोरोना काल में तेजी से बढ़ा रहा दाम्पत्य जीवन में डिस्टेन्स

– पिछले डेढ़ साल में प्रदेश में तलाक के मामले बीस फीसदी से भी अधिक बढ़े- चार बड़े शहरों में तलाक के लिए प्रतिदिन औसत एक दर्जन याचिकाएं हो रही दर्ज

सूरतAug 02, 2021 / 01:12 am

Dinesh M Trivedi

COVID SIDE EFFECTS  : कोरोना काल में तेजी से बढ़ा रहा दाम्पत्य जीवन में डिस्टेन्स

COVID SIDE EFFECTS : कोरोना काल में तेजी से बढ़ा रहा दाम्पत्य जीवन में डिस्टेन्स

दिनेश एम.त्रिवेदी
सूरत. कोरोना काल में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेन्सिंग ने लोगों की निजी जिंदगी को भी बहुत हद तक प्रभावित किया हैं। इसी वजह से प्रदेश में वैवाहिक जीवन को छोड़ कर तलाक लेने के मामलों में अप्रत्याशित रूप से बीस फीसदी तक की बढोत्तरी हुई हैं। इतना ही नहीं प्रतिदिन तलाक के लिए औसतन एक दर्जन याचिकाएं भी हो रही हैं।
जानकारों की माने तो प्रदेश के सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा व राजकोट शहरों में इस दौरान तलाक के लिए पांच हजार से अधिक याचिकाएं हुई है। करीब आधे 2500 मामले तो अकेले अहमदाबाद में हैं। सूरत में 952, वडोदरा में 729 व राजकोट में 406 तलाक के लिए याचिकाएं हुई हैं। यह तो सिर्फ फैमेली कोर्ट में दर्ज होने वाली याचिकाओं की संख्या हैं।
सूरत शहर की बात करें तो तलाक की याचिकाएं तेजी से बढ़ रही हैं पहले लॉकडाउन में 400 के करीब याचिकाएं हुई थी वहीं दूसरे लॉकडाउन में यह बढ़ कर 550 हो गई हैं। करीब डेढ़ सौ याचिकाएं बढ़ी हैं। हालांकि ग्रामिण इलाकों में शहरों से स्थिति बेहतर है। ग्रामिण इलाकों में तलाक की याचिकाओं में बहुत अधिक बढोत्तरी नहीं हुई हैं।
नोटरी एग्रीमेंट या बिना कार्रवाई के हो रहे हैं अलग

जानकारों का कहना हैं कोर्ट के अलावा बड़ी संख्या में नोटरी करार के जरिए भी तलाक हो रहा हैं। कुछ समाजों में लोग कानूनी कार्रवाई नहीं करते हैं। बल्कि 300 रुपए के स्टॉम्प पेपर पर कस्टमरी डिर्वोस एग्रीमेंट करवा रहे हैं। प्रदेश के बड़े शहरों में प्रतिमाह ऐसे सैकड़ों डिर्वोस एग्रीमेंट हो रहे हैं। ऐसी पत्नियों की संख्या कम नहीं हैं जो बिना कानूनी कार्रवाई के पति से अलग रह रही हैं। लॉकडाउन में पति पत्नी के बीच विवाद होने के बाद से वे अपने पीहर में रह रही हैं।
बिगड़ी माली हालत और व्यवस्थाओं में बदलाव

जानकारों की माने तो लॉकडाउन में लोगों की आमदनी प्रभावित हुई कोरोबार बंद होने और नौकरियां छूटने की वजह से माली हालत बिगड़ी गई। तलाक के बढ़े हुए मामलों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रुपए से यह मुख्य वजह हैं। इसके अलावा लॉकडाउन पूर्व घरेलू काम के लिए नौकरानी समेत विभ्नि तरह सुविधाएं बंद होने व सभी सदस्यों के घर में रहने पर महिलाओं की जिम्मेदारी बढऩा, पति या पत्नी द्वारा अत्यधिक मोबाइल का उपयोग समेत विभिन्न कारणों को लेकर हुए विवाद और झगड़े पत्नी पत्नी के रिश्तों में दरार को बढ़ाया।
तनाव व शराब समेत नशे की लत

कोरोना काल में व्यवसाय बंद होने या नौकरी छूटने के बाद कई लोग तनाव व डिप्रेशन की स्थिति में आ गए थे। इस स्थिती में कई लोगों ने शराब समेत मादक पदार्थो के सेवन का सहारा लिया जो उनके दांपत्य जीवन में कलह का कारण भी बना। कुछ मामले ऐसे भी आए जिनमें युवकों पहले चोरी छिपे नशा किया करते थे लेकिन लॉकडाउन में उनका राज फाश हो गया और विवाद का कारण बना।
लव मैरीज वाले दंपति अधिक

तलाक के लिए याचिका दायर करने वालों में करीब एक चौथाई तो लव मैरेज यानी प्रेम विवाह करने वाले हैं। आम दिनों में लव मैरीज करने वालों में तलाक के मामले अधिक होते हैं लेकिन कोरोना काल में लव मैरीज करने वालों में तलाक की याचिकाएं बहुत अधिक बढ़ गई हैं।
बीस फीसदी की दर से बढ़ रहे मामले

कोरोना काल में तलाक की याचिकाएं दायर करने के मामले बीस फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं। जो बहुत अधिक हैं। वैसे तो अधिकतर मामलों में पति पत्नी के जीवनभर का साथ छोड़ कर एक दूसरे से अलग होने के पीछे कोई एक कारण नहीं होता हैं। लेकिन मोटे तौर पर देखा जाए तो लॉकडाउन में माली हालत खराब होना और व्यवस्थाओं में बदलाव होना मुख्य वजह हैं।
– प्रीति जोशी (अधिवक्ता, सूरत)

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