आर्थिक तरलता के अभाव में परेशान कपड़ा व्यापारी
पांच-छह महीने पहले बेचे माल के रुपए अभी तक मिले
आर्थिक तरलता के अभाव में परेशान कपड़ा व्यापारी
सूरत
सूरत के कपड़़ा व्यापारियों के लिए अभी तक तो कमजोर व्यापार चिंता का कारण बना था, लेकिन अब समय पर पेमेन्ट नहीं आने के कारण व्यापारियों की परेशानी बढ़ गई है। पांच-छह महीने पहले बेचे माल के रुपए अभी तक मिले। दूसरी ओर पेमेन्ट मांगने पर व्यापारी दूसरे व्यापारी से माल खरीदने लगते हैं।
कपड़ा बाजार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जीएसटी लागू होने के बाद सूरत का व्यापार
25 प्रतिशत कम हो गया है। ऐसे में व्यापारी अपना व्यापार और बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनके सामने समय पर पेमेन्ट नहीं मिलने की समस्या गंभीर होते जा रही है। अन्य राज्यों के व्यापारी कई कारणों से समय पर पेमेन्ट नहीं कर रहे हैं। सूरत के व्यापारी उनसे पेमेन्ट मांगते हैं तो केरल के व्यापारी बाढ़ का कारण बताकर पेमेन्ट में असमर्थता बताते हैं। वैसे ही अन्य राज्यों के व्यापारी रिटेल में खरीद नहीं होने का और कुछ व्यापारी तो बिक्री नहीं होने से माल ही वापिस भेज दे रहे हैं। सूरत के व्यापारियों के करोड़ो रुपए का पेमेन्ट अन्य मंडियों में फंस गया है। बताया जा रहा है कि उत्तर भारत के व्यापारियों ने ठंडी के कपड़ो की खरीद के लिए सूरत के व्यापारियों का पेमेन्ट रोककर गर्म कपड़ों में निवेश कर दिया है। इसलिए यहां के व्यापारियों का पेमेन्ट फंस गया है। व्यापारियों का कहना है कि एक तो पहले से ही व्यापार कमजोर हैं ऐसे में यदि दूसरे राज्य के व्यापारी से जबरदस्ती पेमेन्ट के लिए कहो तो बिना पेमेन्ट किए दूसरे व्यापारी से माल खरीदने लगते हैं। कपड़ा व्यापारी अशोक लीलवाणी ने बताया कि जिन व्यापारियों के पेमेन्ट 30 दिन में आते थे अब की वह 120 दिन में भी पेमेन्ट नहीं कर पा रहे। वह रिटेल में खरीद नहीं होने का कारण बताते हैं। अन्य एक व्यापारी अशोक अडवाणी ने बताया कि कपड़ा व्यापार में धारा धोरण ही नहीं बचा। अन्य राज्यों के व्यापारी 60 दिन के स्थान पर तार महीने तक पेमेन्ट नहीं कर रहे। सूरत के व्यापारियों की हालत पतली होते जा रही है।
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