कौन है डॉ. संकेत पिछली कोरोना लहर में लाइफलाइन अस्पताल के डॉ. संकेत मेहता स्वयं कोरोना संक्रमित हो कर भर्ती थे। उस दौरान एक वृद्ध कोरोना मरीज को वेंटीलेटर पर पाइप डालने में मदद के दौरान स्वयं स्वयं नब्बे प्रतिशत संक्रमित हो गए थे। ऐसे कोरोना फ्रंटफाइटर के फेफड़े ट्रांसप्लांट करने की नौबत आ गई थी। जिसके लिए 10 करोड रुपए की जरूरत थी। गुजरात तथा देशभर से लोगों ने दान का ताता लगा दिया था। हालांकि चेन्नई में बिना ट्रांसप्लांटेशन के उन्हें बचा लिया गया। उन्हें एयर एंबुलेंस से चेन्नई के एमजीएम अस्पताल ले जाया गया था। वहां उन्होंने 100 दिन के इलाज के बाद कोरोना वायरस को हराया था। कोरोना मरीजों के लिए डॉ. संकेत ने मंगलवार को न्यू सिविल अस्पताल में प्लाज्मा डोनेट किया है।
उन्होंने बताया कि इस बार वैक्सीन का हथियार है। बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लगने के बाद कोरोना की लहर धीमी हो जाएगी। एक मई से सरकार ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन देने की घोषणा की है। इसमें बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीनेशन के लिए आगे आना चाहिए। इस दौरान न्यू सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉ. मयुर जरग भी मौजूद थे।