उन्होंने कांग्रेस और भीलीस्तान टाइगर सेना द्वारा कई आदिवासी गांवों में रूढि़ ग्राम सभा को नक्सली गतिविधि बताया। उन्होंने कहा कि इस ग्राम सभा में गैर आदिवासी लोगों को गांव में प्रवेश करने से पहले मंजूरी लेने, किसी अधिकारी, नेता या व्यापारी को भी बिना मंजूरी के गांव में नहीं आने का प्रस्ताव पास किया जा रहा है। इसके संबंध में पंपलेट बांटे जा रहे हंै जो किसी भी तरह से सही नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि चिखली में कभी नक्सलवाद जैसा माहौल नहीं रहा, लेकिन कुछ लोगों द्वारा की जा रही इस तरह की गतिविधियों को हम ऐसा ही कह सकते हैं। इस दौरान महुवा विधायक मोहन ढोडिया समेत कई आदिवासी नेता और भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।
तय समय से करीब डेढ़ घंटे देरी से शुरू इस कार्यक्रम में ज्यादातर कुर्सियां खाली रही। काफी प्रयासों के बाद भी कार्यक्रम में काफी कम भीड़ ही आई। जबकि इसके लिए विधायक द्वारा भी प्रयास किया गया था।