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सूरत

महंगे खाद्य तेल से गृहिणियों का बिगड़ा बजट

पिछले एक वर्ष में दोगुने हुए भाव
 

सूरतJun 20, 2021 / 08:18 pm

Gyan Prakash Sharma

महंगे खाद्य तेल से गृहिणियों का बिगड़ा बजट

महंगे खाद्य तेल से गृहिणियों का बिगड़ा बजट

सिलवासा. एक ओर कोरोना वायरस से बुरा हाल है तो दूसरी तरफ आमजन महंगाई से भी बेहाल हो गया है। खाद्य तेलों के भाव सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। सरसों तेल के भाव लोगों की चिंता बढ़ा रहे हैं। पिछले एक वर्ष में लगभग सभी खाद्य तेलों के भाव बढ़कर दोगुने हो गए हैं। खाद्य तेलों का भाव मानों दिनों-दिन वृद्धि के प्रचलन में आ गए है। तेलों में अप्रत्याशित वृद्धि से रसोई का जायका बिगड़ गया है। गृहणियों का बजट गड़बड़ाने लगा है।
गत वर्ष मई 2020 में सरसों का तेल 110-115 रुपए प्रति लीटर मिल रहा था। आज वहीं सरसों का तेल खुदरा बाजारों में 200 रुपए लीटर बोला जा रहा है। कमोबेश अन्य खाद्य तेलों का भी यही हाल है। व्यापारी रणजीत सिंह कहते है कि कोरोना काल में सिर्फ तेल ही नहीं सभी कमॉडिटीज के दाम बढ़ रहे हैं। तेलों के भाव जिस तेजी से बढ़ रहे हैं उतना पिछले काफी समय में नहीं हुआ है। इस वक्त तेजी का एक सुपर साइकिल, अर्थात महातेजी का दौर चल रहा है। खाने-पीने की चीजें, रोजमर्रा इस्तेमाल की वस्तुएं भी 30 से 40 प्रतिशत महंगी हो गई हैं। खाद्य पदार्थो में महंगाई से गरीब ही नहीं मध्यम वर्ग के भी पसीने छूटने लगे हैं। गृहणियों का कहना है कि कोरोना काल में पहले ही लोग रोजगार का संकट झेल रहे है। ऊपर से कोरोना महामारी का खतरा बना हुआ है। प्रशासन को खाद्य वस्तु अधिनियम के तहत खाद्य तेलों के दाम नियंत्रित करने की जरूरत है। इन पर टैक्स कम करके भी राहत दी जा सकती है।

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