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सूरत

मंदी के शिकंजे में फंसी सूरत कपड़ा मंडी में ग्राहकी निकलने की उम्मीदें बरकरार

बाहरी मंडियों के व्यापारियों के आने का इंतजार
सोमवार से कपड़ा बाजार में हलचल बढऩे के आसार

सूरतSep 15, 2019 / 07:58 pm

Dinesh Bhardwaj

मंदी के शिकंजे में फंसी सूरत कपड़ा मंडी में ग्राहकी निकलने की उम्मीदें बरकरार

मंदी के शिकंजे में फंसी सूरत कपड़ा मंडी में ग्राहकी निकलने की उम्मीदें बरकरार

सूरत. भारी मंदी के दौर में जकड़े कपड़ा बाजार को मामूली तौर पर उबरने का एक अवसर सोमवार से मिलने की संभावना बढ़ी है। यह उम्मीदों की खबर कपड़ा बाजार के लिए श्राद्ध पक्ष लेकर आया है। श्राद्ध पक्ष के शुरुआती रुझान में बाहरी मंडियों के कपड़ा व्यापारियों के सूरत आगमन का सिलसिला सोमवार से शुरू होने की उम्मीद है।
देश-दुनिया की जानी-मानी सूरत कपड़ा मंडी पिछले लम्बे समय से मंदी के हिचकौले खा रही है और दिन-प्रतिदिन कपड़ा बाजार को मायूस करने वाली खबरें ही ज्यादा जानने को मिल रही है। पिछले दिनों दुर्गा पूजा की मामूली ग्राहकी का दौर कपड़ा बाजार में बीतने के बाद अब श्राद्ध पक्ष में कपड़ा बाजार में ग्राहकी निकलने की उम्मीदभरी खबर कपड़ा व्यापारियों को मिल रही है। हालांकि शुक्रवार को अनंत चतुर्दशी के बाद श्राद्ध पक्ष की शुरुआत शनिवार से हो गई और रविवार का अवकाश होने से स्थानीय कपड़ा मंडी में भी छुट्टी का ही माहौल रहा है लेकिन ग्राहकी निकलने की उम्मीदें सोमवार से जीवंत होने के आसार बने है। सोमवार से शुरू होने वाले सप्ताह में कपड़ा बाजार में व्यापारिक हलचल बढऩे की उम्मीद कपड़ा व्यापारियों को है। श्राद्ध पक्ष के दौरान सूरत कपड़ा मंडी में देश के प्रत्येक प्रदेश के शहर-कस्बों के हजारों व्यापारी कपड़े की खरीदारी के लिए आते है।

कपड़ा व्यापारियों के लिए अहम श्राद्ध पक्ष


आम तौर पर श्राद्ध पक्ष में शुभ खरीदारी टाली जाती है लेकिन, सूरत की कपड़ा मंडी में यह मान्यता नही है, क्योंकि श्राद्ध पक्ष के ठीक बाद एक के बाद एक कई त्योहार-उत्सव का आगमन होता है। श्राद्ध पक्ष में कपड़ा बाजार में व्यापारिक हलचल बढऩे की वजह में जानकार कपड़ा व्यापारी बताते हैं कि श्राद्ध पक्ष के बाद नवरात्र, दुर्गा पूजा, दीपावली व वैवाहिक सावों की शुरुआत होती है और इस दौरान देशभर में साड़ी-ड्रेस व अन्य कपड़ा मैटेरियल की खूब बिक्री होती है। श्राद्ध पक्ष में बुक करवाया गया माल बाहरी मंडियों में व्यापारियों के यहां पहुंचने में 8 से 10 दिन तक लग जाते है और उन्हें व्यापार के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। यहीं वजह है कि ज्यादातर व्यापारी श्राद्ध पक्ष में खरीदारी के लिए सूरत कपड़ा मंडी आते है।

तैयारियां की है नाममात्र


कपड़ा बाजार में ग्राहकी के प्रत्येक सीजन के लिए स्थानीय कपड़ा व्यापारी अलग-अलग तरीके से तैयारियां करते है। ऐसी ही तैयारियां व्यापारियों की ओर से श्राद्ध पक्ष की उम्मीदभरी ग्राहकी के सिलसिले में भी की गई है, लेकिन यह अन्य वर्षों की तुलना में नाममात्र ही कही जा सकती है। कपड़ा बाजार में एक के बाद एक कई व्यापारिक सीजन फेल होने के बाद अब कपड़ा व्यापारी किसी तरह का व्यापारिक समझौता भविष्य में करने की स्थिति में स्वयं को सहज नहीं मानता है। यहीं कारण है कि श्राद्ध पक्ष के दौरान कपड़ा बाजार की संभावित ग्राहकी के मद्देनजर उन्होंने कोई ठोस तैयारी नहीं बल्कि नाममात्र तैयारी अवश्य की है। इसके अनुरूप कपड़ा व्यापारियों की तैयारियां ज्यादातर प्रिंट मैटेरियल आधारित है।

देशभर से आएंगे कपड़ा व्यापारी


श्राद्ध पक्ष के दौरान स्थानीय कपड़ा मंडी में खरीदारी के लिए आने वाले व्यापारियों में यूं तो देशभर की मंडियों के शामिल रहेंगे लेकिन इनमें से कुछ प्रदेश ऐसे भी है जहां के व्यापारी थोड़े समय के अंतराल में ही दूसरी बार कपड़ा मंडी पहुंचेंगे। देश के पुर्वोत्तर असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड आदि राज्यों की विभिन्न कपड़ा मंडियों के व्यापारियों ने दुर्गा पूजा की आंशिक खरीदारी पिछले दिनों ही की थी और इन्हीं प्रदेश के व्यापारी श्राद्ध पक्ष की दसमी तिथि के बाद सूरत कपड़ा मंडी में खरीदारी के लिए आएंगे। इसी अवधि में मध्यप्रदेश व गुजरात की मंडियों से भी कपड़ा व्यापारी पहुंचेंगे। देश के अन्य शेष प्रदेश की कपड़ा मंडियों के व्यापारियों के सोमवार से सूरत कपड़ा मंडी में पहुंचने का अनुमान स्थानीय स्तर पर लगाया जा रहा है।

सामान्य सी रहती है


श्राद्ध पक्ष के दौरान कपड़ा बाजार में प्रत्येक वर्ष ग्राहकी का असर रहता है और इस बार भी उम्मीद है कि सामान्य सी ग्राहकी अगले दिनों में दिखाई देगी। मंदी और मनी क्राइसिस ने कपड़ा कारोबार को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है।
ब्रजमोहन अग्रवाल, कपड़ा व्यापारी, सिल्कसिटी मार्केट

मध्यम दर्जे की बनी है उम्मीद


देश की अधिकांश छोटी-बड़ी कपड़ा मंडियों के हजारों व्यापारी श्राद्ध पक्ष के दौरान सूरत की कपड़ा मंडी में पहुंचते है। इस बार भी अगले पंद्रह दिनों में कई कपड़ा व्यापारी यहां आएंगे और मध्यम दर्जे की ग्राहकी की आशा है।
सुशील गाडोदिया, कपड़ा व्यापारी, मिलेनियम मार्केट

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