प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले टर्म में 8 नवंबर 2016 को रात आठ बजे अचानक नोटबंदी का ऐलान करते हुए पांच सौ और एक हजार के नोट को चलन से बाहर कर दिया था। उस समय कहा गया था कि देश में बड़ी संख्या में नकली नोटों के चलन में आने के कारण दोनों मुद्राएं बंद की गई हैं। इसके बाद रिजर्व बैंक ने दो सौ, पांच सौ और दो हजार रुपए के नोट छापने शुरू किए थे। उसके बाद से ही नए नकली नोटों के पकड़े जाने के मामले सामने आते रहे हैं। रविवार को ऐसा ही एक मामला सूरत जिले की पलसाणा तहसील के गांव दस्तान में सामने आया है।
पलसाणा पीएसआई चेतन गढ़वी को मुखबिर से सूचना मिली थी कि पलसाणा तहसील के दस्तान गांव की शिव सागर रेजीडेंसी में एक व्यक्ति घर में ही प्रिंटर मशीन से पांच सौ रुपए के नकली नोट छाप रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी कर इस मामले में शामिल मूल राजस्थान के जालोर जिला में नेड़ाता निवासी लक्ष्मणराम वरजागाराम पुरोहित को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से पुलिस ने पांच सौ रुपये के 398 नकली नोट बरामद किए हैं। साथ ही पुलिस ने नकली नोट छापने के लिए इस्तेमाल हो रहे प्रिंटर और दूसरा सामान भी बरामद किया है। जब्त प्रिंटर की कीमत करीब दस हजार रुपए बताई जा रही है।
नहीं पता कितने नोट छापे पुलिस अब तक यह पता नहीं लगा पाई है कि आरोपी लक्ष्मणराम ने कितने नकली नोट छापकर बाजार में चला दिए हैं। पुलिस के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है। आरोपी से पूछताछ के बाद ही पता चलेगा कि अब तक कितने नोट बाजार में गए हैं और इस षडयंत्र में कितने और लोग शामिल हैं। जानकार भी मानते हैं नकली नोट छापने का काम कोई अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता। यह रैकेट बड़ा हो सकता है।