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सूरत

नहीं माने किसान, अवार्ड लेने से इनकार

एक्सप्रेस वे के प्रभावितों को मना नहीं पाया प्रशासन

सूरतSep 19, 2020 / 08:01 pm

विनीत शर्मा

नहीं माने किसान, अवार्ड लेने से इनकार

नहीं माने किसान, अवार्ड लेने से इनकार

बारडोली. प्रशासन उन किसानों को मना नहीं पाया जिनकी जमीनें वडोदरा-मुम्बई एक्सप्रेस वे में संपादित हो रही हैं। सूरत जिला से गुजर रहे वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस वे में संपादित हो रही जमीन का अवार्ड देने के लिए जीआर इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स के अधिकारी शनिवार को एना गांव पहुंचे। यहां प्रभावित किसानों को अवार्ड देने की जगह पटवारी को ही सभी अवार्ड देने का प्रयास किए जाने पर किसान जमा हो गए और अपना विरोध जताया। किसानों ने अवार्ड स्वीकार करने से मना कर दिया, और अधिकारियों को अवार्ड दिये बिना ही वापस जाना पड़ा।
वडोदरा मुंबई एक्सप्रेस हाइवे सूरत जिला से गुजरने वाला है। इसमें मांगरोल, कामरेज, पलसाणा और बारडोली तहसील के गांवों की कई एकड़ जमीन के सम्पादन की प्रक्रिया चल रही है। शनिवार को एक्सप्रेस वे बनाने वाली जीआर इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी के अधिकारी पलसाणा तहसील के एना गांव पहुंचे। उन्होंने ग्राम पंचायत कार्यालय में पटवारी को प्रभावित किसानों के अवार्ड देने का प्रयास किया।
जानकारी मिलते ही सूरत जिला खेडूत समाज प्रमुख परिमल पटेल समेत प्रभावित किसान मौके पर पहुंच गए और अवार्ड का विरोध जताया। कंपनी जमीनों की बाजार कीमत देने की जगह जंत्री के आधार पर मुआवजा देने की बात कह रही है। इससे प्रभावित किसानों में रोष व्याप्त है। किसानों ने अवार्ड स्वीकार करने से साफ मना कर दिया और चेचावनी दी कि कानूनी लड़ाई लड़कर पूरा मुआवजा वसूलेंगे। किसानों के अवार्ड स्वीकार नहीं करने पर अधिकारियों को वापस लौटना पड़ा।

किसानों के साथ हो रहा अन्य

किसानों का कहना है कि बाजार कीमत की जगह जंत्री के आधार पर मुआवजा दिये जाने की कोशिश हो रही ह,ै जो सरासर गलत है। एना गांव में चरोतरिया ट्रस्ट ने 505 सर्वे नंबर वाली जमीन सरकार से सांस्कृतिक हॉल बनाने के लिए ली थी। इसका उदाहरण देते हुए बताया कि इस जमीन के लिए राज्य मूल्यांकन समिति ने 3799 रुपए प्रति मीटर वसूले थे। जब सरकार का किसानों को मुआवजा चुकाने का समय आया तो सिर्फ 400 रुपए प्रति वर्गमीटर का भाव देने की बात कही जा रही है। यह किसानों के साथ अन्याय है।

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