scriptVideo: शव को लेकर 8 घंटे तक हंगामा | Uproar till 8 hours with dead body | Patrika News
जयपुर

Video: शव को लेकर 8 घंटे तक हंगामा

उदयपुर. करसाना से छह दिन पहले युवक की गुमशुदगी का मामला
2 छावनी बना गांव, चार थानों और दो जिले के अधिकारी पहुंचे
चार दिन में आरोपितों की गिरफ्तारी के आश्वासन पर शांत हुई भीड़

जयपुरNov 18, 2015 / 12:43 pm

कानोड़ से सटे डूंगला (चित्तौडग़ढ़) के करसाना गांव से दीपावली के दिन लापता हुए युवक का शव मंगलवार को छठे दिन गांव के ही कुएं में मिला। इसका पता भी तब चला, जब कुएं से दुर्गंध उठी। खबर आग की तरह फैल गई और परिजनों के साथ बड़ी संख्या में भील समाज के लोग आ पहुंचे। हत्या की आशंका जता चुके परिजनों के साथ ग्रामीणों ने 8 घंटे हंगामा किया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी एकबारगी भीड़ को समझाना मुश्किल हो गया। चार दिन में आरोपितों की गिरफ्तारी का आश्वासन मिलने पर मामला शांत हुआ। इसके बाद शाम को पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। गौरतलब है कि उदयपुर क भीलों की भागल निवासी रतनलाल (22) पुत्र रामलाल भील अपने साथी अचलाना निवासी उदयलाल के साथ करसाना गया था। जहां दोनों ने शराब पी। फिर दोनों एवं एक अन्य साथ में बाइक पर रवाना हुए। कुछ दूर जाने पर ये गाडरियावास में बाइक से गिर गए। इसके बाद उदयलाल अपने घर पहुंच गया, लेकिन रतनलाल घर नहीं लौटा। उसके पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दी थी। दो दिन पहले आक्रोश जताने और कुछ देर के लिए चक्का जाम करने पर पुलिस ने चार दिन में रतनलाल को ढूंढ निकालने का भरोसा दिलाया था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।



लाठियां लेकर आई महिलाएं, भीड़ के आगे बेबस दिखे अधिकारी : आक्रोश जताने वालों में महिलाएं भी थीं, जो हाथों में लाठियां लिए थीं। जाप्ते ने इन्हें ज्यादा देर एक जगह नहीं रहने दिया। हंगामे का पता चलने पर चित्तौडग़ढ़ एएसपी राजन दुष्यन्त, डूंगला एसडीओ वारसिंह, वल्लभनगर डीएसपी घनश्याम शर्मा, निम्बाहेड़ा सीआई रमेश कुमार शर्मा, बड़ीसादड़ी डीएसपी शंभू सिंह राठौड़, कानोड़ थानाधिकारी शमीउल्लाह खान सहित डूंगला, मंगलवाड़, निकुम्भ थाने के जवान पहुंचे। भीड़ के आगे देख अधिकारी भी एकबारगी बेबस दिखे। हालात काबू में रखने के लिए एमबीसी के जवान व महिला कस्टेबल को भी बुलाया गया। फिर समाज प्रतिनिधियों व जनप्रतिनिधियों की बातचीत शुरू हुई, जो करीब तीन घंटे से भी ज्यादा चली। कार्रवाई के आश्वासन पर दोपहर तीन बजे शव को कुएं से निकालने पर परिजन व ग्रामीण राजी हुए, लेकिन पोस्टमार्टम के बाद फिर बिफर गए। उन्होंने पुलिस पर आरोपितों से मिलीभगत के आरोप लगाए। बोले, गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराने और हत्या की आशंका जताने के बावजूद पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। दीपावली के दिन गाडरियावास गांव के कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था। झगड़ा करने वालों ने रतन लाल की हत्या कर शव कुएं में डाल दिया। आरोपितों की जल्द गिरफ्तारी का दूसरी बार भरोसा दिलाने पर शाम करीब पांच बजे परिजन शव लेकर रवाना हुए। कुबेर सिंह चावड़ा, अमरपुरा सरपंच अशोक जैन, पीथलपुरा से सुनिल मेघवाल, करसाना से संग्राम सिंह, पूर्व सरपंच रामेश्वरलाल आदि भी समझाइश में शामिल थे।
बेटे का शव देख फफक पड़े वृद्ध माता-पिता : घटना स्थल पर रतनलाल के वृद्ध माता-पिता भी थे। शव देख दोनों फफक पड़े। उनकी रुलाई रोके नहीं रुक रही थी। बुजुर्ग बोला, रतन ही पूरा घर चला रहा था। उसके एक भाई और है, लेकिन वह कोई काम नहीं करता। रतन का सब्जियों का व्यापार अच्छा चल रहा था। उधर रतन की पत्नी रोते-रोते बेसुध ही हो गई। उसके आठ माह के बेटे को भी परिजनों ने संभाला। पिता ने पुलिस को भी खूब कोसा। बोला, पुलिस को बता दिया था। समय रहते पुलिस को कुछ करती तो बेटा जिंदा होता। प्रशासनिक अधिकारियों और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने पीडि़त परिवार को सरकारी योजनाओं से जोडऩे का भरोसा दिलाया है।
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