न्यू सिविल और स्मीमेर अस्पताल में हड़ताल के कारण कम पहुंचे मरीज, 21 प्लान मेजर ऑपरेशन
सूरत. न्यू सिविल और स्मीमेर अस्पताल समेत राज्य के छह शहरों में मंगलवार सुबह से रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर उतर गए और विरोध प्रदर्शन किया। दोनों अस्पताल में दूसरे और तीसरे वर्ष के रेजिडेंट डॉक्टरों ने बुधवार से इमरजेंसी, आइसीयू में भी काम बंद करने का निर्णय किया है। सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों तथा मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसरों ने ओपीडी व वार्ड में मरीजों का इलाज किया। मंगलवार को इंडोर में 40 फीसदी और ओपीडी में 20 फीसदी की कमी देखने को मिली।
सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई के चलते देश के मेडिकल कॉलेजों में प्रथम वर्ष के पोस्ट ग्रज्येेट (पी. जी.) एडमिशन प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। इसके चलते जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल करके आंदोलन शुरू किया है। पिछले दिनों सूरत के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से हुई मुलाकात भी निष्फल साबित हुई।
न्यू सिविल में मंगलवार सुबह से रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी और वार्ड में कार्य बंद कर दिया। स्मीमेर अस्पताल में दूसरे वर्ष के रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल पर चले गए और विरोध प्रदर्शन किया। यहां तीसरे वर्ष के रेजिडेंट डॉक्टरों ने कार्य किया है। सूरत गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. ऋतंभरा मेहता, अधीक्षक डॉ. गणेश गोवेकर के साथ गांधीनगर के अधिकारियों ने रेजिडेंट डॉक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत की। इसमें सरकार के प्रतिनिधियों ने नॉन पी.जी. जूनियर रेजिडेंट की नियुक्ति से समस्या का हल निकालने की बात कही है। लेकिन नियुक्ति कब होगी, उनकी संख्या कितनी होगी इसको लेकर सरकार ने अभी स्पष्ट जानकारी रेजिडेंटों को नहीं दी है।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने डीन को बुधवार शाम 5 बजे से इमरजेंसी, आइसीयू समेत अन्य सेवाएं बंद करने का आवेदन सौंपा है। दूसरी तरफ अस्पताल प्रशासन ने बताया कि मंगलवार को ओपीडी और वार्ड में मरीजों के इलाज में कोई दिक्कत नहीं आई है। सीनियर रेजिडेंटों तथा प्रोफेसरों ने मरीजों का इलाज किया। मंगलवार को दिनभर में ओपीडी में 2450 मरीज आए। इसमें 95 मरीजों को भर्ती किया गया है। आम दिनों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 175 से 200 के बीच होती है। ट्रॉमा सेंटर में इमरजेंसी में 158 मरीजों ने इलाज करवाया। प्लान मेजर ऑपरेशन 21 किए गए है। सोमवार को प्लान मेजर ऑपरेशनों की संख्या 22 थी, जब रेजिडेंट हड़ताल पर नहीं गए थे। अधिकारियों ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग से डेप्यूटेशन पर 25 मेडिकल ऑफिसरों की मांग की गई है। लेकिन उनमें से अभी कोई भी डॉक्टर सिविल नहीं आया है।
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