पुलिस भवन से जारी आदेश में बताया गया कि पुलिस निरीक्षकों और उप निरीक्षकों को पूरे सप्ताह काम के बाद एक दिन अवकाश देना आश्वयक है। सभी थानों के प्रभारी सीनियर पुलिस निरीक्षक रविवार को साप्ताहिक अवकाश पर रहेंगे। उनकी अनुपस्थित में थाने के दूसरे पुलिस निरीक्षक या सीनियर पुलिस उप निरीक्षक उनका कार्यभार संभालेंगे।
दूसरे पुलिस निरीक्षक और पुलिस उप निरीक्षकों को रविवार के अलावा साप्ताहिक अवकाश के लिए अन्य दिन आवंटित किए जाएंगे, ताकि थाने का कामकाज बाधित न हो। साप्ताहिक अवकाश के दिन पुलिस अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे। इसे किसी छुट्टी के दिन से भी नहीं जोड़ा जा सकेगा।
पुलिस आयुक्त के इस निर्णय पर अधिकतर पुलिस निरीक्षकों और उप निरीक्षकों ने खुशी जाहिर की है। कुछ ने इसकी पालना पर शंका भी व्यक्त की है। पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने को लेकर समय-समय पर सामाजिक संगठनों की ओर से मांग की जाती रही है। पिछले दिनों सामाजिक कार्यकर्ता अमित तिवारी ने पुलिस आयुक्त को ज्ञापन देकर पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने के मांग की थी।
आदेश की पालना पर शंका
कुछ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि २०१६ में देशभर के पुलिसकर्मियों का सर्वे हुआ था। इसमें सामने आया था कि ७३ प्रतिशत पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिलता। ९० फीसदी पुलिसकर्मी दिन में आठ घंटे से अधिक समय ड्यूटी करते है। देश के अन्य राज्यों में पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने के आदेश पहले जारी हुए थे, लेकिन उनका पूरी तरह पालन नहीं हुआ। जरूरत के मुताबिक साप्ताहिक अवकाश निरस्त कर दिए जाते हैं।
नहीं दिया जा रहा था छुट्टियों का वेतन
पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर कुछ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल स्तर के पुलिसकर्मियों को ृसाप्ताहिक अवकाश के दिन अनिवार्य ड्यूटी देने पर अवकाश का वेतन दिया जाता है, लेकिन पुलिस उप निरीक्षक और निरीक्षकों को छुट्टी के दिन ड्यूटी के बावजूद वेतन नहीं दिया जा रहा था। लंबे समय से उनकी छुट्टियों के वेतन का भुगतान नहीं किया गया, इसलिए उन्हें साप्ताहिक अवकाश देने का निर्णय किया गया है।