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सूरत

डीएनए जांच के लिए माता-पिता एवं लडक़ी के नमूने लिए

स्मीमेर अस्पताल में एक परिवार ने बच्चा बदलने का आरोप लगाकर किया था हंगामा

सूरतSep 07, 2018 / 11:28 pm

Sanjeev Kumar Singh

surat file photo

डीएनए जांच के लिए माता-पिता एवं लडक़ी के नमूने लिए

सूरत.

स्मीमेर अस्पताल में गुरुवार सुबह नवजात शिशुओं की अदला-बदली होने का आरोप लगाते हुए एक परिवार ने हंगामा मचाया था। अब वराछा पुलिस ने माता-पिता तथा लडक़ी का डीएनए जांच के लिए नमूने लेकर प्रयोगशाला भेजा है। रिपोर्ट आने के बाद नवजात शिशुओं की अदला-बदली हुई या नही,ं यह पता चलेगा।
भाठेना पंचशील नगर निवासी मुमताज बानु साजिद सिद्दीकी (२४) ने गुरुवार सुबह स्मीमेर अस्पताल में लडक़ी को जन्म दिया था। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में बच्चा बदल देने का कहते हुए हंगामा मचाया था। परिजनों ने आरोप लगाया कि उन्हें जन्मजात खामी वाला बच्चा दिया गया है। जबकि मुमताज ने लडक़े को जन्म दिया था। प्रसूति से पूर्व करवाई गई सोनोग्राफी रिपोर्ट में नोर्मल थी और बाद में जन्मजात खामी कैसे आ गई। यह मामला आरएमओ के भी पहुंचा था। लेकिन, गायनेक विभाग के अध्यक्ष ने ऐसी कोई घटना नहीं होने की बात कहते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया था।
इस मामले में एमएलसी केस दर्ज करते हुए वराछा पुलिस जांच के लिए पहुंची। लडक़ी का वजन करीब १.७५० किलो है। लडक़ी के रीड की हड्डी में तकलीफ है, जिससे उसके पैर में हलचल नहीं हो रही है। वराछा पुलिस के एएसआइ रणजीतभाई ने बताया कि परिवार को आशंका है, इसलिए डीएनए जांच की कार्रवाई शुरू की गई है। इसके लिए माता-पिता व लडक़ी के नमूने लेकर जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले का सच सामने आ जाएगा।

बिल बनने के 45 दिन में देना होगा पेमें, फोस्टा ने बनाए नए नियम
सूरत. फोस्टा की ओर से कपड़ा व्यापार के लिए शुक्रवार को नए नियम बनाए गए। नए नियम के अनुसार उधार कपड़ा खरीदने वाले व्यापारी को 45 दिन में पेमेंट करना होगा।
पिछले कई दिनों से कपड़ा मार्केट में व्यापार के लिए नियम बनाने की मांग की जा रही थी। इसे देखते हुए फोस्टा ने शुक्रवार को नियमावली जारी की। इसमें 45 दिनों के भीतर पेमेन्ट करने, पेमेन्ट पूरा आने के बाद ही आड़तिया को 2 प्रतिशत कमीशन चुकाने, पेमेन्ट की जिम्मेदारी एजेंट की होने की सूचना दी गई है। इसके अलावा अन्य कई मामलों में भी कुछ निर्देश दिए गए, जिसमें कि इ-वे बिल को कोन्ट्रक्ट ऑर्डर समझा जाएगा और शिकायत होने पर लिखित सूचना सात दिन में देनी होगी। पेमेन्ट संबंधित शिकायत लिखित में ही मान्य होगा तथा एजेंट की ओर से भेजे गए माल का पेमेंट अकाउन्टपेयी चैक, ड्राफ्ट, आरटीजीएस और नेफ्ट से करने को कहा गया है।

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